फडणवीस का योगी स्टाइल एक्शन, नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम के घर चला बुलडोजर, देशद्रोह का केस दर्ज

नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के अवैध निर्माण पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की. नागपुर नगर निगम ने उन्हें 24 घंटे के भीतर स्वयं निर्माण हटाने का नोटिस दिया था, जिसकी समय सीमा समाप्त होने के बाद यह कदम उठाया गया.

Fadnavis Yogi style action bulldozer runs on the house of Faheem the main accused of Nagpur violence
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के अवैध निर्माण पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की. नागपुर नगर निगम ने उन्हें 24 घंटे के भीतर स्वयं निर्माण हटाने का नोटिस दिया था, जिसकी समय सीमा समाप्त होने के बाद यह कदम उठाया गया.

मामले की पृष्ठभूमि

नागपुर के संजय बाग कॉलोनी, यशोधरा नगर में स्थित यह मकान फहीम खान की पत्नी के नाम पर पंजीकृत था. प्रशासन ने इसे अवैध निर्माण मानते हुए कार्रवाई की.

इस हिंसा की जड़ें औरंगजेब की कब्र से जुड़ी एक विवादित मांग से संबंधित थीं. छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान नागपुर में हरे रंग का कपड़ा जलाए जाने की घटना सामने आई, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया और शहर में हिंसा भड़क उठी.

देशद्रोह का मामला दर्ज

इस हिंसा के मास्टरमाइंड के रूप में चिन्हित किए गए फहीम खान सहित छह लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. फहीम पर 500 से अधिक लोगों को इकट्ठा कर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है. वर्तमान में वह पुलिस हिरासत में हैं. इससे पहले, उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए जमानत के लिए अर्जी दी थी.

सरकारी प्रतिक्रिया और कर्फ्यू हटाने की प्रक्रिया

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई दोषियों की संपत्ति को जब्त कर करने की बात कही है. उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यकता पड़ने पर प्रशासन बुलडोजर की कार्रवाई करेगा.

लगातार बढ़ते तनाव के बीच, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए शहर के 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया था, जिसे धीरे-धीरे हटाया गया. अंततः, हिंसा के छह दिन बाद, 24 मार्च को कर्फ्यू पूरी तरह समाप्त कर दिया गया. हालांकि, संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती जारी रहेगी.

सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं

डिप्टी मुख्यमंत्री अजित पवार ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जो भी सांप्रदायिक तनाव भड़काएगा और कानून-व्यवस्था को बाधित करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल मचा दी है. जहां एक ओर सरकार इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में उठाया गया कदम बता रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे राजनीतिक प्रतिशोध का मामला बता रहा है.

फिलहाल, प्रशासन द्वारा शहर में शांति और सामान्य स्थिति बनाए रखने के प्रयास जारी हैं.

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