'राजनीति का गुणा भाग घर में रक्खें', राणा सांगा विवाद पर कुमार विश्वास की कविता पढ़ लीजिए

    सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने हाल ही में राज्यसभा में राणा सांगा पर एक विवादित टिप्पणी की, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है.

    Read Kumar Vishwas poem on Rana Sanga controversy
    कुमार विश्वास | Photo: ANI

    सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने हाल ही में राज्यसभा में राणा सांगा पर एक विवादित टिप्पणी की, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है. उनके इस बयान के बाद सियासी बवाल शुरू हो गया है. इस पूरे विवाद पर कवि कुमार विश्वास ने भी प्रतिक्रिया दी है और शब्दों के बाण चलाए हैं. 

    क्या बोले कुमार विश्वास?

    जुगनू की कुछ औलादों ने सूरज पर प्रश्न उठाए हैं,

    शेरों की मादों के आगे कुछ ग्रामसिंह चिल्लाए हैं,

    मेवाड़-वंश कुल-कीर्तिकोष जिनके होने से दीपित है,

    उन राणा सांगा के घावों पर कुछ भुनगे मंडराए हैं।

    उनसे कह दो अब देश शौर्य की मुठ्ठी खूब तानता है ,

    उनसे कह दो यह देश महाराणा की ज्योति जानता है,

    इतिहास तुम्हारी सरकारों का बंधक नहीं रहेगा अब,

    उनसे कह दो यह देश लुटेरों को अब नहीं मानता है ॥

    उनसे कह दो यह देश ऋणी है ऐसे पुण्य-प्रवाहों का,

    यह देश ऋणी है वीर शिवा के परम प्रतापी छावों का,

    उनसे कह दो वे राजनीति का गुणा भाग घर में रक्खें,

    यह देश ऋणी है महाराणा सांगा के अस्सी घावों का ॥

    विवाद और सियासी प्रतिक्रियाएं

    रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को "गद्दार" बताते हुए कहा कि उन्होंने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत बुलाया था. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि हम बाबर की आलोचना करते हैं, लेकिन राणा सांगा की आलोचना क्यों नहीं करते?

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