नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताया और उन्हें हाशिए पर पड़े समुदायों और मुसलमानों के उत्थान के लिए काम करने वाला पहला प्रधानमंत्री बताया.
"अपनी पार्टी की ओर से, मैं उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. यह सच है कि मनमोहन सिंह देश के विभाजन के समय शरणार्थी थे, और अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी के माध्यम से, वे आरबीआई गवर्नर, वित्तमंत्री और आखिरकार प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करते हुए सफलता की ओर बढ़े."
Truly saddened to hear of Dr. Manmohan Singh’s demise. A partition refugee who went on to become RBI Governor, Finance Minister and Prime Minister. His story is a remarkable one. I will always remember him as the only Prime Minister who made sincere efforts to uplift India’s… pic.twitter.com/RWZuu9wgE2
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 27, 2024
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हाशिए के लोगों, मुस्लिमों के लिए काम करने वाले पहले पीएम थे मनमोहन : ओवैसी
ओवैसी ने कहा, "वे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने हाशिए पर पड़े समुदायों और मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए काम किया. उनके निधन से देश ने अपना बेटा खो दिया है."
डीएमके सांसद कनिमोझी ने डॉ. सिंह के निधन को "राष्ट्रीय क्षति" बताया.
उन्होंने कहा, "वे एक ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनका संसद के प्रति बहुत सम्मान था. जब हम आर्थिक संकट से गुजर रहे थे, तब उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को बचाया...हमारे पूर्व प्रधानमंत्री का निधन राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है."
मनमोहन सिंह का गुरुवार शाम को 92 वर्ष की आयु में आयु संबंधी बीमारियों के कारण दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. घर पर उन्हें अचानक बेहोशी आ गई, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स ले जाया गया.
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1991 में मनमोहन सिंह ने देश में शुरू किए थे आर्थिक उदारीकरण
भारत के वित्त मंत्री के रूप में 1991 के आर्थिक उदारीकरण सुधारों को शुरू करने के लिए प्रसिद्ध सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट के पास किया जाएगा, जहां प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार किया जाता है. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को हुआ था.
अर्थशास्त्री होने के अलावा, मनमोहन सिंह ने 1982-1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में कार्य किया. वे 2004-2014 तक अपने कार्यकाल के साथ भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे और जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री थे.
पीवी नरसिंह राव की सरकार में भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य करते हुए, सिंह को 1991 में देश में आर्थिक उदारीकरण का श्रेय दिया जाता है. सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेशकों के लिए अधिक सुलभ बना दिया, जिससे एफडीआई में वृद्धि हुई और सरकारी नियंत्रण कम हो गया. इसने देश की आर्थिक वृद्धि में बहुत योगदान दिया.
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