गाजा में संघर्ष विराम समाप्त होने के बाद इजरायली सेना ने बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए. रिपोर्टों के अनुसार, इजरायली लड़ाकू विमानों ने मंगलवार को मात्र 10 मिनट के भीतर 80 से अधिक लक्ष्यों पर हमला किया, जिससे भारी तबाही मची. इन हमलों में हमास के कई वरिष्ठ कमांडरों को निशाना बनाया गया. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि हमास के खिलाफ सैन्य अभियान जारी रहेगा.
गाजा में बढ़ते हताहत
एपी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों में 400 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई सौ लोग घायल हुए. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मृतकों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. यह हमला जनवरी में हुए युद्धविराम के बाद का सबसे गंभीर हमला माना जा रहा है. इससे क्षेत्र में फिर से हिंसा भड़कने की आशंका बढ़ गई है.
इजरायल की रणनीति और संभावित जमीनी अभियान
इजरायली सेना ने गाजा के पूर्वी इलाकों से लोगों को निकालने के आदेश दिए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि जमीनी सैन्य अभियान जल्द शुरू हो सकता है. सैन्य अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान अनिश्चितकाल तक जारी रह सकता है और इसे और भी व्यापक बनाया जा सकता है. हमास ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि नेतन्याहू की सरकार बंधकों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है.
शांति वार्ता पर संकट
युद्धविराम समझौते के तहत पहले चरण में 25 इजरायली बंधकों की रिहाई हुई थी, बदले में 2,000 फलस्तीनी कैदी छोड़े गए थे. हालांकि, दूसरे चरण पर सहमति नहीं बन पाई. हमास पूर्ण युद्धविराम और इजरायली सैनिकों की वापसी की मांग कर रहा है, जबकि इजरायल का कहना है कि वह हमास के सैन्य ढांचे को पूरी तरह समाप्त करने तक लड़ाई जारी रखेगा.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय चिंताएं
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अन्य मुस्लिम देशों ने गाजा पर इजरायली हमलों की आलोचना की है. यूएई के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन हमलों से क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है और हिंसा के फैलने का खतरा बढ़ सकता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से नए युद्धविराम के लिए दबाव बनाने की अपील की जा रही है, ताकि गाजा में बिजली, क्रॉसिंग्स और मानवीय सहायता की आपूर्ति बहाल की जा सके.
भविष्य की संभावनाएं
इस्राइली सरकार की आक्रामक नीति को लेकर देश में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. नेतन्याहू की नीतियों को लेकर सवाल उठ रहे हैं, खासकर उन बंधकों की सुरक्षा को लेकर जो अब भी हमास के कब्जे में हैं. गाजा में हिंसा की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या कूटनीतिक प्रयासों से कोई समाधान निकलता है या यह संघर्ष और विकराल रूप लेता है.
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