Waqf Amendment Bill: केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने असदुद्दीन ओवैसी के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह धारणा पूरी तरह गलत है कि गैर-मुस्लिम वक्फ बोर्ड के कामकाज में हस्तक्षेप करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म के संपत्ति प्रबंधन कानूनों में पहले से विधवाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रावधान हैं, और अब हम मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को भी इस दायरे में लाने की कोशिश कर रहे हैं.
लॉ ऑफ लिमिटेशन पर राम लला का उदाहरण
वक्फ और वक्फ बोर्ड के बीच अंतर पर चर्चा करते हुए रिजिजू ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पहले उठाए गए मुद्दे को दोहराया. वक्फ बोर्ड के कामकाज में गैर-मुस्लिमों के हस्तक्षेप के आरोपों को गलत बताते हुए उन्होंने लॉ ऑफ लिमिटेशन पर "राम लला" का उदाहरण दिया.
वक्फ-बाय-यूजर प्रावधान पर गोगोई को जवाब
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा वक्फ-बाय-यूजर प्रावधान को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा कि वक्फ-बाय-यूजर प्रावधान मुसलमानों की समस्याएं बढ़ा सकता है, और इस कारण इसे हटाने का प्रस्ताव लाया गया है. उनका कहना था कि इसके हटाने से डॉक्यूमेंटेशन को बेहतर तरीके से संभाला जा सकेगा और विवादों का जन्म नहीं होगा.
विपक्षी आरोपों पर रिजिजू का तीखा जवाब
रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों का जोरदार जवाब देते हुए कहा कि कई सांसदों ने वक्फ बिल को गैर संविधानिक बताया है. उन्होंने सवाल किया कि अगर यह बिल गैर संविधानिक है, तो क्यों? रिजिजू ने विपक्षी नेताओं से अपील करते हुए कहा कि जब हम बोलते हैं तो तर्क और तथ्य का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह आरोप गलत हैं कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ है, क्योंकि जमीन तो देश की होती है और इसका कोई धर्म नहीं होता.
बिना तर्क के आरोप लगाना गलत
रिजिजू ने कहा कि कुछ लोग बिना तर्क के इस बिल को एंटी-मुस्लिम करार दे रहे हैं, जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए हम सबको समान सुरक्षा और अधिकार देने की कोशिश कर रहे हैं, और बिना तथ्यों के इस पर आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए.