Uttarakhand: CM धामी ने जल संरक्षण योजना का किया उद्घाटन, राज्य में सामूहिक प्रयासों का किया आह्वान

    सीएम पुष्कर सिंह धामी पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने शुक्रवार को कालूवाला में जल संरक्षण अभियान के तहत डोईवाला विकासखंड में सोंग नदी के बाएं तट पर स्थित जौली नहर के हेड पर जल संरक्षण एवं संवर्द्धन योजना का उद्घाटन किया.

    उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी/ Social Media
    उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी

    देहरादून (उत्तराखंड) : उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने शुक्रवार को कालूवाला में जल संरक्षण अभियान के तहत डोईवाला विकासखंड में सोंग नदी के बाएं तट पर स्थित जौली नहर के हेड पर जल संरक्षण एवं संवर्द्धन योजना का उद्घाटन किया.

    जल सरंक्षण अभियान 2024 के लिए गाइडलाइन जारी 

    जल संरक्षण एवं संवर्द्धन की यह योजना नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) निधि के अंतर्गत स्प्रिंग एवं रिवर रिजुवेनेशन अथॉरिटी (सारा) द्वारा लगभग 03 करोड़ 80 लाख की लागत से पूरी की गई है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण अभियान 2024 की गाइडलाइन भी जारी की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पौधारोपण भी किया.

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जल संसाधनों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकारी पहल और जनसहभागिता दोनों जरूरी है. उत्तराखंड में नौले, धारा और नदियां जैसी अमूल्य जल संपदाएं हैं. उन्होंने सभी से पहाड़ों के जल और यौवन का उपयोग राज्य के हित में करने का संकल्प लेने का आग्रह किया. धामी ने कहा कि जहां पानी बहता है, वहां जीवन पनपता है. पारंपरिक प्रथाओं को पुनर्जीवित कर हम भविष्य की चुनौतियों से निपट सकते हैं. उन्होंने जल संरक्षण को जीवन के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि पानी के अभाव का मतलब जीवन का अंत है. 

    जल संकट पूरे विश्व के लिए बन रहा चुनौती 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जल संकट पूरे विश्व के लिए चुनौती बना हुआ है. अनियंत्रित उपयोग से जल स्रोत समाप्त हो रहे हैं. जल संरक्षण सप्ताह का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को जल प्रबंधन के प्रति जागरूक करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण को लेकर गंभीर है. जल संरक्षण के लिए विभिन्न विभागों को शामिल किया जा रहा है. इन प्रयासों को और अधिक मजबूती देने के उद्देश्य से 'सारा' का गठन किया गया है. सारा द्वारा करीब 500 पेयजल योजनाएं और 200 जलधाराएं चिह्नित की गई हैं, जिन्हें पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है.

    भावी पीढ़ी के लिए वन सरंक्षण पर जोर 

    उन्होंने कहा कि जल संचय करने वाले ओक के पेड़ समाप्त हो रहे हैं और आग की घटनाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपनी भावी पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए जल व वन संरक्षण हेतु बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट से कालूवाला को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा. बाबा कालूसिद्ध मंदिर के पीछे सौंग नदी के बाएं तट को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कालूसिद्ध मंदिर में पूजा-अर्चना कर कालूसिद्ध बाबा से प्रदेश व प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की.

    यह भी पढे़ं : 'मैं अक्सर मुश्किल में पड़ जाता हूं', T20 विश्व कप में अमेरिकी टीम के पाकिस्तान को हराने के सावल पर बोले मिलर

    भारत