वॉशिंगटन: स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की हालिया रिपोर्ट ने रक्षा बाजार में बड़े बदलावों की ओर इशारा किया है. वैश्विक हथियार व्यापार पिछले दशक की तुलना में स्थिर बना हुआ है, लेकिन कुछ देशों में हथियारों की मांग तेजी से बढ़ी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन अब दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया है, जिसने इस मामले में भारत को भी पीछे छोड़ दिया है. रूस के साथ जारी युद्ध के चलते यूक्रेन की हथियारों पर निर्भरता दोगुनी हो गई है.
हथियारों की खरीद में जबरदस्त उछाल
SIPRI के आंकड़ों के अनुसार,
विशेषज्ञों के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध ने हथियारों की वैश्विक मांग को प्रभावित किया है. पश्चिमी देश लगातार यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं, जिससे उसका आयात बढ़ा है.
यूरोपीय देशों में हथियारों की बढ़ती मांग
SIPRI की रिपोर्ट बताती है कि 2020-24 के बीच यूरोपीय देशों में हथियारों की खरीद में 155% की वृद्धि हुई है.
इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं:
अमेरिका से यूरोपीय देशों की हथियारों पर निर्भरता बढ़ी है. NATO देशों ने भी रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए नए सौदे किए हैं.
दुनिया के 10 सबसे बड़े हथियार विक्रेता
रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध का सबसे अधिक फायदा अमेरिका को हुआ है.
देश हथियार निर्यात का वैश्विक हिस्सा (%)
अमेरिका 43.0%
फ्रांस 9.6%
रूस 7.8%
चीन 5.9%
जर्मनी 5.6%
इटली 4.8%
यूके 3.6%
इजरायल 3.1%
स्पेन 3.0%
दक्षिण कोरिया 2.2%
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध के दौरान हथियारों की आपूर्ति में भारी वृद्धि की है.
क्या ट्रम्प प्रशासन के फैसले से बदलेगा समीकरण?
डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति सीमित करने के फैसले से युद्ध की दिशा बदल सकती है.
SIPRI आर्म्स ट्रांसफर प्रोग्राम के वरिष्ठ शोधकर्ता पीटर वेज़मैन के अनुसार, "रूस की आक्रामकता और NATO देशों के साथ तनाव के कारण यूरोप ने हथियारों पर बड़ा निवेश किया है. हालांकि, अमेरिका से हथियार आयात की परंपरा बनी हुई है."
विश्लेषकों का मानना है कि यदि अमेरिका यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति रोकता है, तो इससे युद्ध पर सीधा असर पड़ेगा.
टॉप 10 हथियार खरीदने वाले देश
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-24 के दौरान सबसे ज्यादा हथियार आयात करने वाले देश:
देश वैश्विक हथियार आयात (%)
यूक्रेन 8.8%
भारत 8.3%
कतर 6.8%
सऊदी अरब 6.8%
पाकिस्तान 4.6%
जापान 3.9%
ऑस्ट्रेलिया 3.5%
मिस्र 3.3%
अमेरिका 3.1%
कुवैत 2.9%
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