प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन से लगभग तीन घंटे का लंबा पॉडकास्ट किया. इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. इस साक्षात्कार के दौरान, फ्रिडमैन ने एक दिलचस्प खुलासा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने इस इंटरव्यू के लिए 45 घंटे तक उपवास रखा था.
फ्रिडमैन का उपवास पर खुलासा
लेक्स फ्रिडमैन ने अपने साक्षात्कार में खुलासा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस खास साक्षात्कार के सम्मान में 45 घंटे तक केवल पानी पीकर उपवास किया. इस दौरान, पीएम मोदी ने भी उपवास के विषय पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने उपवास के लाभों पर जोर दिया, जैसे कि इंद्रियों को तेज करना, मानसिक स्पष्टता बढ़ाना और अनुशासन स्थापित करना.
उपवास पर पीएम मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उपवास सिर्फ भोजन छोड़ने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो पारंपरिक और आयुर्वेदिक प्रथाओं से जुड़ी हुई है. उन्होंने बताया कि उपवास के दौरान वह शरीर के विषहरण में मदद के लिए पहले अच्छे से हाइड्रेट करते हैं. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उपवास से उन्हें सुस्ती महसूस नहीं होती, बल्कि यह उन्हें अधिक ऊर्जावान बनाता है और वह इससे ज्यादा मेहनत करने में सक्षम होते हैं.
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फ्रिडमैन के उपवास पर पीएम मोदी का आभार
पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के उपवास पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सबसे पहले, मैं वास्तव में सुखद आश्चर्यचकित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि आप उपवास कर रहे हैं, और भी अधिक इसलिए क्योंकि ऐसा लगता है कि आप मेरे प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए उपवास कर रहे हैं. इसलिए, मैं आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं.”
उपवास को लेकर पीएम मोदी का धार्मिक दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत में हमारी धार्मिक परंपराएं केवल अनुष्ठान या पूजा के तरीकों से संबंधित नहीं हैं, बल्कि ये जीवन जीने का एक तरीका हैं. उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय का उदाहरण देते हुए कहा कि हिंदू धर्म केवल पूजा या अनुष्ठानों से नहीं जुड़ा है, बल्कि यह जीवन जीने का एक दर्शन है जो जीवन को स्वयं निर्देशित करता है.
उन्होंने बताया कि हमारे शास्त्रों में शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा और मानवता को ऊपर उठाने पर गहन चर्चा की गई है. उपवास को इन सिद्धांतों को प्राप्त करने के एक मार्ग के रूप में प्रस्तुत किया गया है, लेकिन यह केवल एक तरीका है. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत में, चाहे आप इसे सांस्कृतिक रूप से देखें या दार्शनिक रूप से, उपवास अनुशासन विकसित करने का एक तरीका है.