रूस-यूक्रेन के बीच समझौते के सवाल पर बोले PM मोदी, दुनिया शांति चाहती है मेरा पक्ष भी शांति का है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष पॉडकास्ट रविवार को अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ रिलीज़ हुआ, जिसमें उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विरासत, विज्ञान, तकनीकी प्रगति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, लोकतंत्र, वैश्विक कूटनीति और आध्यात्मिकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा किए.

रूस-यूक्रेन के बीच समझौते के सवाल पर बोले PM मोदी, दुनिया शांति चाहती है मेरा पक्ष भी शांति का है
Image Source:Youtube- Lex Fridmen

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष पॉडकास्ट रविवार को अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ रिलीज़ हुआ, जिसमें उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विरासत, विज्ञान, तकनीकी प्रगति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, लोकतंत्र, वैश्विक कूटनीति और आध्यात्मिकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा किए.

रूस और यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान

पॉडकास्ट में लेक्स फ्रीडमैन ने पीएम मोदी से सवाल किया कि दुनिया में कई युद्ध चल रहे हैं, विशेषकर रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर, तो आप क्या करेंगे शांति स्थापित करने के लिए? इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जो भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है. ये महान पुरुष थे जिनके उपदेश शांति को समर्पित थे."

भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भूमिका

प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि इतनी मजबूत है कि जब भी हम शांति की बात करते हैं, तो दुनिया हमारी बात सुनती है. क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है और हम संघर्ष के पक्ष में नहीं हैं." पीएम मोदी ने स्पष्ट किया, "हम सद्भाव का समर्थन करते हैं. न हम प्रकृति के खिलाफ संघर्ष चाहते हैं, न राष्ट्रों के बीच संघर्ष. हम समन्वय चाहते हैं. अगर हम कोई भूमिका अदा कर सकते हैं तो हमने हमेशा प्रयास किया है."

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रूस और यूक्रेन के साथ भारत के संबंध

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके रूस और यूक्रेन दोनों देशों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. "मैं राष्ट्रपति पुतिन से कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है और राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मित्रवत तरीके से कहता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान नहीं मिलेगा, समाधान तब होगा जब दोनों देश बातचीत की मेज पर आएंगे." प्रधानमंत्री ने कहा, "दुनिया भर के देशों के प्रयासों से कोई परिणाम नहीं निकलेंगे जब तक दोनों पक्ष बातचीत नहीं करते. दोनों देशों ने खुद ही नुकसान उठाया है, और पूरी दुनिया को भी नुकसान हुआ है. ग्लोबल साउथ को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर का संकट पूरे विश्व में बढ़ गया है." प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, "पूरी दुनिया शांति चाहती है और मैं हमेशा कहता हूं कि मैं न्यूट्रल नहीं हूं. मेरा एक पक्ष है – शांति का."