अमेरिका, यूरोप में नजर आ रहा साल 2025 का पहला सूर्यग्रहण, जानें भारत पर क्या पड़ेगा असर? देखें फोटो

साल 2025 का पहला सूर्यग्रहण आज, शनिवार को शुरू हो चुका है. यह आंशिक सूर्यग्रहण है, जिसका प्रभाव अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में देखने को मिलेगा. हालांकि, भारत में इस ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, और न ही यहां सूतक काल मान्य होगा.

The first solar eclipse of the year 2025 is visible in America Europe know what will be the effect on India See photo
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

नई दिल्ली: साल 2025 का पहला सूर्यग्रहण आज, शनिवार को शुरू हो चुका है. यह आंशिक सूर्यग्रहण है, जिसका प्रभाव अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में देखने को मिलेगा. हालांकि, भारत में इस ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, और न ही यहां सूतक काल मान्य होगा.

किन देशों में दिखेगा सूर्यग्रहण?

यह आंशिक सूर्यग्रहण उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, उत्तर अमेरिका, यूरोप और रूस के उत्तरी हिस्सों में देखा जा सकेगा. भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण दोपहर 2:21 बजे शुरू हुआ और शाम 6:14 बजे समाप्त होगा.

क्या है दोहरे सूर्योदय का रहस्य?

इस आंशिक सूर्यग्रहण के दौरान दोहरा सूर्योदय देखने को मिलेगा, जो एक दुर्लभ खगोलीय नजारा होता है. जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेता है, तो यह भ्रम उत्पन्न होता है कि सूरज दो बार उग रहा है. यह दृश्य अधिक प्रभावशाली तब होता है जब ग्रहण सूर्योदय के समय घटित होता है. कभी-कभी बादलों या प्रकाश अपवर्तन की वजह से यह घटना और भी नाटकीय लग सकती है.

सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक पक्ष

सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से रोक देता है. जब ये तीनों खगोलीय पिंड एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तो पृथ्वी के जिस हिस्से पर चंद्रमा की छाया पड़ती है, वहां से सूर्य अस्थायी रूप से अदृश्य हो जाता है.

चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह कैसे ढंक सकता है?

हालांकि सूर्य चंद्रमा की तुलना में लगभग 400 गुना बड़ा है, लेकिन पृथ्वी से सूर्य की दूरी भी चंद्रमा की तुलना में लगभग 400 गुना अधिक है. इस संतुलन के कारण, पृथ्वी से देखने पर दोनों खगोलीय पिंड समान आकार के प्रतीत होते हैं. जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है, तो वह सूर्य को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से ढक सकता है.

सूर्यग्रहण देखने के लिए जरूरी सावधानियां

ग्रहण के दौरान बिना सुरक्षा उपायों के सूर्य को देखना खतरनाक हो सकता है. सूर्य की तीव्र किरणें आंखों की रेटिना को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं. नंगी आंखों से सूर्य को देखने से धुंधलापन, दृष्टिहीनता या अन्य दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

सूर्यग्रहण देखने के लिए क्या करें?

  • सोलर फिल्टर वाले विशेष चश्मे या टेलीस्कोप का उपयोग करें.
  • नंगी आंखों से सूर्य को देखने से बचें.
  • ग्रहण को देखने के लिए सुरक्षित टेलीस्कोप या सोलर व्यूअर का उपयोग करें.
  • सूर्य को सीधे न देखकर पिनहोल प्रोजेक्शन विधि से इसका निरीक्षण करें.

अब तक का सबसे लंबा सूर्यग्रहण

खगोलविदों के अनुसार, पूर्ण सूर्यग्रहण की अधिकतम अवधि 7 मिनट 31 सेकेंड हो सकती है. ऐतिहासिक रूप से, अब तक का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण 15 जून 743 ईसा पूर्व को हिंद महासागर के तट पर, केन्या और सोमालिया में देखा गया था, जिसकी अवधि 7 मिनट 28 सेकेंड थी. भविष्य में, 16 जुलाई 2186 को 7 मिनट 29 सेकेंड का सूर्यग्रहण होगा, जो अब तक का सबसे लंबा पूर्ण ग्रहण होगा.

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