9 महीने 13 दिन बाद धरती पर वापस लौटीं सुनीता विलियम्स, पूरी दुनिया में जश्न का माहौल

    नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अब आखिरकार पृथ्वी पर लौट आईं हैं.

    Sunita Williams returned to earth after 9 months and 13 days
    सुनीता विलियम्स | Photo: ANI

    नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अब आखिरकार पृथ्वी पर लौट आईं हैं. उनकी यह यात्रा न केवल विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, बल्कि उनकी यात्रा का यह अनुभव भी प्रेरणादायक है. सुनीता विलियम्स का मिशन केवल आठ दिनों का था, लेकिन एक तकनीकी समस्या के कारण उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर लगभग नौ महीने रहना पड़ा. इस दौरान उन्होंने दिखाया कि मुश्किलों का सामना करते हुए भी किस तरह से नई ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है.

    सबसे अधिक स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड

    सुनीता विलियम्स ने अपनी इस यात्रा में कई कीर्तिमान स्थापित किए. उन्होंने महिला अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा सबसे अधिक स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया. उनकी यह उपलब्धि केवल अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में गर्व का कारण बनी है.

    सुनीता विलियम्स ने 5 जून 2024 को नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर के साथ बोइंग स्टारलाइनर के जरिए अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी. हालांकि, उनका मिशन सिर्फ आठ दिनों का था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनके मिशन की अवधि बढ़ गई, और उन्हें ISS पर रहना पड़ा. इस दौरान, वे एक्सपीडिशन 71/72 अभियान का हिस्सा बनीं और कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कार्य किए.

    अंतरिक्ष में 121 मिलियन मील से अधिक की दूरी

    नासा के अनुसार, सुनीता ने 4500 से ज्यादा क्लासेस पूरी कीं और अंतरिक्ष में 121 मिलियन मील से अधिक की दूरी तय की. उन्होंने कुल 50 घंटे और 40 मिनट तक स्पेसवॉक किया, जो महिला अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक नया रिकॉर्ड है. इसके अलावा, सुनीता ने ISS पर कई वैज्ञानिक प्रयोगों में भी भाग लिया, जिनमें जैव चिकित्सा अनुसंधान, पर्यावरणीय अध्ययन और तकनीकी परीक्षण शामिल थे. उनका यह योगदान न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, बल्कि मानवता के विकास के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

    यह पहली बार नहीं था जब सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में महत्वपूर्ण कार्य किए. इससे पहले 2006 में, उन्होंने STS-116 अभियान के तहत ISS पर पहुंचकर चार स्पेसवॉक किए थे और 29 घंटे 17 मिनट तक वहां काम किया था. 2012 में भी उन्होंने ISS पर 127 दिनों तक रहकर कई तकनीकी मरम्मत की थीं. इस बार 2024 में, उन्होंने अपने तीसरे बड़े मिशन पर यात्रा की और नासा के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया.

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