वॉशिंगटन: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वे यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी समझौता जो युद्ध समाप्त करने के उद्देश्य से हो, उसमें यूक्रेन को बिना शामिल किए नहीं किया जाएगा.
पुतिन का बयान उस समय आया जब मंगलवार को सऊदी अरब में रूस और अमेरिका के बीच हुई बातचीत के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपनी नाराजगी जाहिर की. जेलेंस्की ने कहा कि रूस और अमेरिका के बीच होने वाली वार्ता में उन्हें आमंत्रित न किया जाना चौंकाने वाला था, क्योंकि किसी भी डील पर बात किए बिना कैसे कोई समझौता हो सकता है.
बैठक का उद्देश्य विश्वास को बढ़ाना था
रूस की समाचार एजेंसी इंटरफैक्स और टास के मुताबिक, पुतिन ने कहा कि रूस और अमेरिका के बीच विश्वास बनाने के बिना यूक्रेन युद्ध सहित अन्य कई मुद्दों का समाधान नहीं निकाला जा सकता है. रियाद में हुई बैठक का उद्देश्य इसी विश्वास को बढ़ाना था. पुतिन ने यह भी जोड़ा कि रूस ने कभी भी यूरोप या यूक्रेन से बातचीत से इंकार नहीं किया है, बल्कि यूक्रेन अब तक रूस से बातचीत से बचता आया है.
पुतिन ने कहा, "हम किसी पर कुछ भी थोपने का इरादा नहीं रखते हैं. हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार रहे हैं और अगर यूक्रेन इच्छुक है, तो हम बातचीत की मेज पर बैठने के लिए तैयार हैं. कोई भी समझौता यूक्रेन को बाहर नहीं रखेगा."
दोनों देश अपने दूतावासों को खोलेगा
इस बीच, रियाद में रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के बीच हुई चार घंटे की बैठक में दोनों देशों के रिश्तों में सुधार लाने की दिशा में कदम उठाने की सहमति बनी. इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दोनों देश जल्द ही अपने दूतावासों को फिर से खोलेगा और स्टाफ की नियुक्ति करेगा, ताकि दोनों देशों के बीच तनाव कम हो सके. यूक्रेन युद्ध के बाद से दोनों देशों ने अपने दूतावासों से स्टाफ को निकाल लिया था और यह तीन वर्षों से बंद थे.
पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक की इच्छा भी जाहिर की. उन्होंने कहा, "मैं ट्रंप से मिलना चाहूंगा, लेकिन इस बैठक की तैयारी अभी बाकी है." पुतिन ने रूस और अमेरिका के बीच हुई हालिया बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि दोनों पक्षों ने निष्पक्ष रूप से चर्चा की.
उनके पास तीन साल का वक्त था- ट्रंप
वहीं, ट्रंप ने जेलेंस्की की नाराजगी पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि उनके पास तीन साल का वक्त था बातचीत करने का, लेकिन उन्होंने उस अवसर को गंवा दिया. ट्रंप ने कहा, "यूक्रेन युद्ध की शुरुआत कभी नहीं होनी चाहिए थी, और अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो यह युद्ध कभी नहीं होता."
ट्रंप ने यह भी कहा कि यदि उन्होंने वार्ता की होती, तो यूक्रेन को उसकी लगभग पूरी जमीन वापस मिल जाती और लाखों जिंदगियां बच जातीं.
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