गुवाहाटी (असम) : असम सरकार ने कहा कि 1971 से 2014 के बीच राज्य में 47,928 अवैध अप्रवासी पाए गए और उनमें से 43 प्रतिशत हिंदू हैं.
राज्य के विदेशी न्यायाधिकरणों ने इस अवधि के दौरान इन लोगों को विदेशी घोषित किया है.
एजीपी विधायक पोनाकन बरुआ के लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए, असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा, जिनके पास गृह विभाग का भी प्रभार है, ने कहा कि 1971 से 2014 तक विदेशी न्यायाधिकरणों ने 47928 लोगों को विदेशी घोषित किया और उनमें से 20,613 हिंदू और 27,309 मुस्लिम हैं और 6 अन्य धर्मों के लोग हैं.
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ये सभी हिंदू-मुसलमान अलग-अलग शहरों में मौजूद
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा अवैध अप्रवासी घोषित कुल 20,613 हिंदुओं में से 8,139 कछार जिले से, 2884 गुवाहाटी शहर से, 1574 लखीमपुर जिले से, 1038 डिब्रूगढ़ जिले से हैं.
दूसरी ओर, विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा अवैध अप्रवासी घोषित 27309 मुसलमानों में से 4182 जोरहाट जिले से, 3,897 गुवाहाटी शहर से, 2,829 डिब्रूगढ़ जिले से, 2,100 होजाई जिले से, 2,096 शिवसागर जिले से, 2,083 नागांव जिले से, 2,013 कछार जिले से, 1,710 लखीमपुर जिले से, 1,172 मोरीगांव जिले से हैं. असम समझौते के अनुसार, 24 मार्च 1971 की मध्यरात्रि अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें निर्वासित करने की अंतिम तिथि है.
असमिया भाषी 48.38 प्रतिशत जबकि बंगाली भाषी 28.92 फीसदी
2011 की जनगणना का हवाला देते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "असमिया भाषी लोग राज्य की कुल 3.12 करोड़ की आबादी का 48.38 प्रतिशत हैं और बंगाली भाषी लोग कुल आबादी का 28.92 प्रतिशत हैं."
बरुआ के सवाल पर कि क्या राज्य सरकार इस तथ्य से अवगत है कि गैर-असमिया भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है और स्वदेशी समुदायों के लिए खतरा पैदा कर रही है, सरमा ने कहा कि सरकार स्थिति पर नज़र रख रही है.
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