PM मोदी ने लोकसभा में रखे 11 संकल्प, कहा- 'राजनीति परिवारवाद से मुक्त होनी चाहिए'

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा के दौरान अपने भाषण में भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए 11 संकल्प पेश किए.

    PM Modi presents 11 pledges for country bright future
    PM मोदी | X/BJP

    नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा के दौरान अपने भाषण में भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए 11 संकल्प पेश किए और कहा कि सरकार और लोगों को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और देश की राजनीति "परिवारवाद" से मुक्त होनी चाहिए.

    'मैं संसद के पवित्र परिसर से 11 प्रतिज्ञाएं प्रस्तुत करता हूं'

    प्रधानमंत्री ने लोकसभा में अपने भाषण के अंत में 11 प्रतिज्ञाएं पेश कीं. उन्होंने समावेशी विकास और भ्रष्टाचार के प्रति शून्य-सहिष्णुता पर जोर दिया. उन्होंने कामना की कि संविधान को अपनाने का 75वां वर्ष लोगों की अपने कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता को और अधिक बल देगा. 

    उन्होंने कहा, "भारत के भविष्य के लिए और संविधान की भावना से प्रेरित होकर, मैं संसद के पवित्र परिसर से 11 प्रतिज्ञाएं प्रस्तुत करता हूं. चाहे वह नागरिक हो या सरकार, सभी को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए. समाज के हर क्षेत्र, हर वर्ग को विकास का लाभ मिलना चाहिए, यह 'सबका साथ, सबका विकास' होना चाहिए." 

    उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता होनी चाहिए और भ्रष्ट लोगों को सामाजिक स्वीकृति नहीं मिलनी चाहिए. लोगों को देश के कानून, नियम, परंपरा का पालन करने में गर्व महसूस होना चाहिए. गर्व की भावना होनी चाहिए." पांचवीं प्रतिज्ञा को रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिलनी चाहिए और लोगों को देश की विरासत पर गर्व होना चाहिए. उन्होंने कहा, "देश वंशवादी राजनीति से मुक्त होना चाहिए, संविधान का सम्मान होना चाहिए और इसे राजनीतिक स्वार्थ के लिए उपकरण नहीं बनाया जाना चाहिए." 

    'आरक्षण का लाभ उन लोगों से नहीं छीना जाना चाहिए...'

    PM मोदी ने कहा, "संविधान की भावना के प्रति समर्पण को दर्शाते हुए, आरक्षण का लाभ उन लोगों से नहीं छीना जाना चाहिए जिन्हें यह मिल रहा है और धर्म के आधार पर आरक्षण देने के सभी प्रयासों को रोका जाना चाहिए." 

    प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को दुनिया में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का एक उदाहरण बनना चाहिए. उन्होंने कहा, "राज्यों के विकास के माध्यम से देश का विकास हमारा विकास मंत्र होना चाहिए." 11वीं प्रतिज्ञा को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का लक्ष्य हर चीज से ऊपर होना चाहिए.

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