नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में संविधान पर चर्चा से जुड़े सवालों का जवाब देने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने एक ऐसी बात कह दी, जिससे विपक्ष की भी बोलती बंद हो गई.
क्या बोले प्रधानमंत्री?
प्रधानमंत्री ने कहा, 'विविधता में एकता ये भारत की विशेषता रही है और इस देश की प्रगति भी विविधता को सेलिब्रेट करने में है, लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोग, भारत का भला न देख पाने वाले लोग विविधता में विरोधाभास ढूढंते रहे. इतना ही नहीं, विविधता जो हमारा अमूल्य खजाना है उसको सेलिब्रेट करने के बजाय उस विविधता में ऐसे जहरीले बीज बोने के प्रयास करते रहे, ताकि देश की एकता पर चोट पहुंचे.'
'आर्टिकल 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया'
PM मोदी ने कहा, 'अगर हमारी नीतियों को देखेंगे तो पिछले 10 साल... देश की जनता ने जो मुझे सेवा करने का मौका दिया है, उन नीतियों और निर्णयों को देखेंगे तो भारत की एकता को मजबूती देने का निरंतर हम प्रयास करते रहे हैं. आर्टिकल 370 देश की एकता में दीवार बना पड़ा था, लेकिन देश की एकता हमारी प्राथमिकता थी, जो हमारी संविधान की भावना थी, इसीलिए आर्टिकल 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया.'
उन्होंने आगे कहा, 'अब हमारा देश बहुत तेज गति से विकास कर रहा है. भारत बहुत ही जल्द विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बहुत मजबूत कदम रख रहा है. इतना ही नहीं, ये 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है कि जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे तो हम इस देश को विकसित भारत बना कर रहेंगे.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जहां कई देशों को महिलाओं को उनके अधिकार देने में दशकों लग गए, वहीं भारत ने अपने संविधान के माध्यम से महिलाओं को शुरू से ही वोट देने का अधिकार दिया. जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, हमने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया और महिलाओं की प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए 'महिला नेतृत्व वाले विकास' पर ध्यान केंद्रित किया.'
उन्होंने कहा कि आज हमारी हर योजना की सेंटर में महिलाएं होती हैं और जब हम ये संविधान के 75 वर्ष मना रहे हैं, तो ये अच्छा संयोग है कि भारत के राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी महिला विराजमान है. यही नहीं, हमारे सदन में भी महिला सांसदों की संख्या लगातार बढ़ रही है.'
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