'हारना मंजूर है, पर खेल बड़ा ही खेलूंगी', पत्नी ने अवैध संबंध के शक में की पति की हत्या, ऐसे खुला राज

    एक शांत घरेलू जिंदगी की तस्वीर अचानक उस वक्त दरक गई जब 7 जुलाई को काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र स्थित राम राजी रोड पर रहने वाले पंचायत रोजगार सेवक मुमताज़ अहमद की हत्या की खबर सामने आई.

    Wife killed her husband out of suspicion
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    मुजफ्फरपुर (बिहार): एक शांत घरेलू जिंदगी की तस्वीर अचानक उस वक्त दरक गई जब 7 जुलाई को काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र स्थित राम राजी रोड पर रहने वाले पंचायत रोजगार सेवक मुमताज़ अहमद की हत्या की खबर सामने आई. शुरुआत में यह एक आम लूटपाट और हत्या का मामला लगा, लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, सच्चाई खौफनाक होती चली गई.

    हत्यारन कोई और नहीं, बल्कि उसकी अपनी पत्नी निकली—जो खुद को एक प्रतियोगी परीक्षा की उम्मीदवार बताती थी और जिसने एक बेहद योजनाबद्ध हत्या को अंजाम दिया.

    साजिश: हर कदम सोच-समझकर उठाया

    हत्या की रात महिला ने सबकुछ पूर्वनियोजित ढंग से किया. रात 1:30 बजे उसने घर में लगे CCTV का DVR निकालकर बाहर फेंक दिया, जिससे कोई फुटेज न बचे. फिर असली दरवाजे के ताले को हटाकर एक टूटा हुआ ताला लगा दिया ताकि ऐसा लगे कि चोरी हुई है.

    इतना ही नहीं, घर के सभी मोबाइल फोन उसने रेलवे ट्रैक पर जाकर फेंक दिए. इसके बाद पति के सोने के दौरान चाकू से गले पर हमला कर उसकी हत्या कर दी. हत्या करने के बाद वह पास के कमरे में जाकर ऐसे सो गई, जैसे कुछ हुआ ही न हो.

    बदले जाते रहे बयान, पुलिस को हुआ शक

    हत्या के बाद पत्नी ने पुलिस को कई बार गुमराह करने की कोशिश की. उसने पहले कहा कि वह सो रही थी और सुबह उठकर पति को मृत पाया. फिर कहा कि कुछ बदमाशों ने घर में घुसकर उसे बंधक बना लिया और लूटपाट के दौरान पति की हत्या कर दी.

    लेकिन उसके बार-बार बदलते बयानों और शांत रवैये से पुलिस को शक हुआ. जब सख्ती से पूछताछ की गई, तब जाकर सच सामने आया.

    पति पर शक, मोबाइल पर नज़र रखती थी

    महिला ने कबूल किया कि उसे पति पर शक था कि उसका किसी दूसरी महिला से संबंध है. उसने कई बार उसके फोन को ट्रैक किया और मन ही मन गुस्सा बढ़ता गया. एक दिन उसने तय कर लिया कि वह इस ‘धोखे’ का अंत खुद करेगी.

    महिला ने हत्या से पहले अपने कमरे में दीवार पर लिखा था, "हारना मंजूर है मुझे, पर खेल बड़ा ही खेलूंगी."

    यह वाक्य बताता है कि उसके भीतर प्रतिशोध की आग कितनी गहराई तक भरी हुई थी.

    पति की मदद से पढ़ाई, फिर खौफनाक कदम

    महिला ने दावा किया कि वह UPSC की तैयारी कर रही थी और एक बार BPSC की परीक्षा भी दे चुकी थी. उसके तीन छोटे बच्चे हैं—दो बेटियां और एक बेटा. उसकी शादी 2012 में मुमताज़ अहमद से हुई थी, जो एक पंचायत में रोजगार सेवक के रूप में कार्यरत थे.

    पति ही उसकी पढ़ाई में मदद करता था, लेकिन शक और अविश्वास ने रिश्ते को उस मुकाम पर पहुँचा दिया जहाँ उसका अंत सिर्फ खून-खराबे में हो सकता था.

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