गाजा में बड़े पैमाने पर भुखमरी, 20 फीसदी महिलाएं कुपोषण का शिकार... 100 से ज्यादा संगठनों ने दी चेतावनी

    अंतर्राष्ट्रीय सहायता संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने चेतावनी दी है कि यदि गाजा में तत्काल राहत कार्य नहीं किए गए, तो एक पूरी पीढ़ी का भविष्य संकट में पड़ सकता है.

    widespread hunger in Gaza malnutrition 100 organizations warning
    Image Source: ANI

    गाजा पट्टी में इन दिनों हालात बेहद खराब हैं, जहां इजरायली हमलों और नाकाबंदी के कारण रहने-खाने की स्थिति न सिर्फ खतरनाक हो गई है, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है. अंतर्राष्ट्रीय सहायता संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने चेतावनी दी है कि यदि गाजा में तत्काल राहत कार्य नहीं किए गए, तो एक पूरी पीढ़ी का भविष्य संकट में पड़ सकता है. संकट इस कदर गहरा चुका है कि राहत कार्यों में लगे खुद के कर्मचारियों तक को भी खाने की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है.

    राहत की गुहार और गाजा की खौफनाक स्थिति

    100 से ज्यादा मानवीय संगठन, जिनमें मेडिसिन सैन्स फ्रंटियर्स (एमएसएफ), सेव द चिल्ड्रन और ऑक्सफैम जैसे प्रमुख संगठन शामिल हैं, ने एक संयुक्त बयान जारी किया है जिसमें गाजा की भयावह स्थिति का उल्लेख करते हुए तत्काल कदम उठाने की अपील की गई है. यह बयान उस समय आया है, जब गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कुपोषण के कारण 10 और फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है.

    संयुक्त बयान में साफ तौर पर कहा गया है कि सिर्फ फिलिस्तीनी ही नहीं, बल्कि गाजा में काम करने वाले विभिन्न मानवाधिकार कार्यकर्ता और सहायता संगठनों के कर्मचारी भी भुखमरी का शिकार हो रहे हैं. अगर जल्दी कुछ नहीं किया गया, तो यह संकट और भी गहरा सकता है.

    इजरायल का प्रतिक्रिया और संयुक्त राष्ट्र की चिंता

    जहां मानवाधिकार समूह गाजा में राहत के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं, वहीं इजरायल ने इन संगठनों की चेतावनियों को खारिज करते हुए उन पर आरोप लगाया है कि ये संगठन हमास के समर्थन में कार्य कर रहे हैं. इजरायली सरकार का कहना है कि गाजा में राहत कार्यों के जरिए हमास को समर्थन देने की कोशिश की जा रही है, जबकि यह आरोप पूरी तरह से निराधार है.

    दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस स्थिति को बेहद गंभीर बताया है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, गाजा में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में से 20 प्रतिशत महिलाएं कुपोषण का शिकार हैं. इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र की यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी (यूएनएफपीए) ने भी चेतावनी दी है कि गाजा में भुखमरी, मानसिक आघात और स्वास्थ्य सेवाओं की गिरावट के कारण आने वाले समय में बच्चों का जन्म भी मुश्किल हो सकता है.

    यूएनएफपीए ने यह भी कहा कि गाजा में जन्म दर में गिरावट आने के कारण, पूरी एक पीढ़ी का अस्तित्व खतरे में है. यह स्थिति इस कदर विकट हो चुकी है कि 2025 की पहली छमाही में मातृत्व मृत्यु दर में 20 गुना तक वृद्धि हो सकती है. 2022 में जहां 220 माताओं की मौत हुई थी, वहीं इस साल यह संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है.

    एक विकट मानवीय संकट

    गाजा में भुखमरी, कुपोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझ रही जनता की स्थिति दिन-ब-दिन और भी खराब होती जा रही है. बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वृद्धों के लिए यह समय एकदम कठिन है. अब गाजा में केवल खाद्य आपूर्ति ही नहीं, बल्कि दवाओं और चिकित्सा सहायता की भी भारी कमी है, जो इस संकट को और बढ़ा रही है. ऐसे में यह पूरी दुनिया की जिम्मेदारी बनती है कि इस मानवीय संकट के समाधान के लिए एक साथ मिलकर काम किया जाए.

    ये भी पढ़ेंः 'तुम बेहद हॉट हो', डोनाल्ड ट्रंप ने भरी महफिल में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड को ये क्या कह दिया?