अमेरिकी राजनीति में हमेशा से दिलचस्प घटनाएं और बयान सुनने को मिलते हैं, लेकिन हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के बीच का एक दिलचस्प वाकया सभी की नजरों में आ गया. ट्रंप, जो अपनी बेबाक और कभी-कभी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए प्रसिद्ध हैं, ने हाल ही में तुलसी गबार्ड की जमकर तारीफ की और उन्हें “हॉटेस्ट इन द रूम” (कमरे में सबसे हॉट) कहकर संबोधित किया. यह बयान उनके बीच की बढ़ती साझेदारी और आपसी समझ को दर्शाता है.
ट्रंप का तुलसी के प्रति प्यार
यह टिप्पणी ट्रंप ने एक मीटिंग के दौरान की, जब तुलसी गबार्ड ने ओबामा प्रशासन से जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में उन्होंने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस की कथित दखलअंदाजी और इससे जुड़े आरोपों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा किया. उनके अनुसार, ओबामा प्रशासन ने एक जानबूझकर गलत सूचना फैलाने की कोशिश की, ताकि ट्रंप की छवि को धूमिल किया जा सके और उनका तख्तापलट हो सके.
ट्रंप, जो हमेशा से इन तरह की जांच रिपोर्ट्स को धोखा और राजनीतिक साजिश मानते आए हैं, ने तुलसी की रिपोर्ट का स्वागत किया और इसे एक बेहतरीन प्रयास बताया. यही कारण है कि वे तुलसी के प्रति इतने प्रशंसा से भरे हुए थे कि उन्होंने उन्हें "हॉटेस्ट" कह डाला. उनके इस बयान से यह साफ है कि ट्रंप ने तुलसी की रिपोर्ट को अपनी रक्षा के रूप में देखा है और इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया है.
तुलसी गबार्ड का राजनीतिक सफर
तुलसी गबार्ड का राजनीतिक सफर भी काफी दिलचस्प रहा है. वे एक हिंदू अमेरिकन नेता हैं, जिनका जन्म समोआ में हुआ था. इसके साथ ही, उन्होंने सेना में भी अपनी सेवा दी है और इराक तथा कुवैत में तैनात रहीं. साल 2013 से 2021 तक वे हवाई के दूसरे जिले से यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की सदस्य रही थीं. हालांकि, 2020 में जब वे डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनीं, तो वे रेस से बाहर हो गईं.
उनकी हिंदू पहचान और सेना में अनुभव के कारण वे समाज में एक अलग पहचान बनाती हैं. इसके बाद, उन्होंने 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी और 2024 में रिपब्लिकन पार्टी से जुड़ गईं. यह बदलाव उनके राजनीतिक दृष्टिकोण और विचारधारा में स्पष्ट अंतर दिखाता है, जो उनकी भविष्य की योजनाओं में अहम भूमिका निभा सकता है.
ओबामा प्रशासन का कथित साजिश
तुलसी गबार्ड की रिपोर्ट ने एक नई बहस को जन्म दिया है. रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि ओबामा प्रशासन ने रूस की चुनावी दखलअंदाजी के तथ्यों को इस तरह पेश किया कि वह ट्रंप के खिलाफ एक बड़ा आरोप बन जाए. उनका मानना था कि यह एक राजनीतिक चाल थी, जिसका उद्देश्य ट्रंप को सत्ता से बाहर करना था. तुलसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह सब कुछ एक रणनीति के तहत किया गया था ताकि ट्रंप की छवि को खराब किया जा सके और उनका तख्तापलट किया जा सके.
इस रिपोर्ट से डोनाल्ड ट्रंप को एक नया बल मिला है. उनकी यह राय रही है कि पिछले कुछ सालों से जो आरोप लगाए जा रहे थे, वे गलत थे और राजनीतिक लाभ के लिए गढ़े गए थे. तुलसी के समर्थन ने उन्हें एक नया मंच प्रदान किया, जिससे वे अपनी बात को और मजबूती से रख सके.
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