रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे, और जैसे ही उनका विमान पालम एयरपोर्ट पर उतरा, पूरा ध्यान अचानक एक ऐसी चीज़ पर टिक गया जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस्तेमाल की गई कार. पुतिन की अगवानी के लिए पीएम मोदी खुद प्रोटोकॉल तोड़कर एयरपोर्ट पहुंचे थे. दोनों नेताओं का एक साथ मिलना, हाथ मिलाना और गर्मजोशी से बातचीत तो सुर्खियों में रहा ही, लेकिन उससे ज्यादा चर्चा उस एसयूवी की होने लगी, जिसमें दोनों नेता बैठकर पीएम आवास के लिए रवाना हुए.
यह कार न तो प्रधानमंत्री की हाई-सिक्योरिटी मर्सिडीज-मेबैक थी और न ही पुतिन की बख्तरबंद Aurus Senat. बल्कि दोनों नेता एक साधारण-सी दिखने वाली टोयोटा फॉर्च्युनर में बैठे थे. सोशल मीडिया पर देखते ही देखते यही सवाल फैल गया कि आखिर ये कार चुनी ही क्यों गई और यह है किसकी?
दोनों नेताओं की आधिकारिक कारें बेहद सुरक्षित
प्रधानमंत्री मोदी आमतौर पर ऐसी मर्सिडीज-मेबैक S650 में चलते हैं जिसे विशेष रूप से हमलों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है. दूसरी ओर, पुतिन की आधिकारिक कार Aurus Senat अपनी मजबूत सुरक्षा और मिसाइल-रोधी क्षमता के लिए जानी जाती है. इन दोनों अल्ट्रा-सेफ वाहनों के बीच अचानक एक सामान्य फॉर्च्युनर का इस्तेमाल होना हर किसी को आश्चर्यचकित कर गया.
फॉर्च्युनर का मालिक कौन है?
इस फॉर्च्युनर का नंबर MH01EN5795 है और यह महाराष्ट्र आरटीओ में रजिस्टर्ड पाई गई. इसकी रजिस्ट्रेशन तिथि 24 अप्रैल 2024 दर्ज है. वाहन के मालिक का नाम रजिस्ट्रेशन डेटा में आंशिक रूप से इस प्रकार दिखा—“AL CR * PE M**I*”, जिसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि यह गाड़ी संभवतः मुंबई के Additional Commissioner of Police के नाम दर्ज हो सकती है. हालांकि इस जानकारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
फॉर्च्युनर को चुनने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
सुरक्षा एजेंसियां कई बार विशेष परिस्थितियों में हाई-सिक्योरिटी वाहनों की जगह ऐसी कारों का उपयोग करती हैं जो तेज़ मूवमेंट, कम भीड़भाड़ और आसान संचालन में मददगार हों. फॉर्च्युनर भारत में वीआईपी मूवमेंट के लिए लंबे समय से पसंदीदा गाड़ियों में गिनी जाती है और सुरक्षा एजेंसियों के बेड़े में भी इसकी बड़ी मौजूदगी है. यही कारण माना जा रहा है कि पुतिन की अगवानी के लिए इसी वाहन का चुनाव किया गया.
यह भी पढ़ें: 'भारत-रूस रिश्ते मजबूत, उनकी दोस्ती नहीं तोड़ सकते पश्चिमी देश...' पुतिन के दिल्ली दौरे पर बोला चीन