Israel and Syria: इजरायल इस समय कई मोर्चों पर संघर्ष में उलझा हुआ है, और अब यह अपनी सैन्य शक्ति को सीरिया में भी साबित कर रहा है. हाल ही में, सीरिया के स्वेदा प्रांत में ड्रूज समुदाय के बीच सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. यह हिंसा खासतौर पर सरकार समर्थक बेदौइन समुदाय के खिलाफ थी, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया. इस तनावपूर्ण माहौल के बीच इजरायल ने अपनी सुरक्षा और रणनीतिक हितों के तहत सीरिया में दखल दिया है, हालांकि वह पहले से ही ईरान और हमास से जूझ रहा है.
सीरिया में ड्रूज समुदाय और इजरायल का हस्तक्षेप
सीरिया में ड्रूज समुदाय के खिलाफ हिंसा बढ़ने के बाद, इजरायल ने सैन्य कदम उठाने का निर्णय लिया. इस्लामिक देशों के बीच एक अलग पहचान बनाने वाले ड्रूज समुदाय को इजरायल की मदद की जरूरत थी, खासकर जब वे सीरिया सरकार के समर्थन से लड़ रहे थे. इजरायल ने दावा किया है कि वह गोलन हाइट्स में रहने वाले ड्रूज नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह ऑपरेशन चला रहा है. गोलन हाइट्स वह विवादित क्षेत्र है, जिसे लेकर इजरायल और सीरिया के बीच दशकों से विवाद चल रहा है.
ड्रूज समुदाय की पहचान और उनका इजरायल से रिश्ता
ड्रूज समुदाय न तो मुस्लिम है और न ही ईसाई, बल्कि यह शिया इस्लाम की एक शाखा से उत्पन्न हुआ एक अनोखा धर्म है, जिसमें अन्य धर्मों के तत्व भी शामिल हैं. 11वीं सदी में इसकी शुरुआत हुई, और यह विशेष रूप से सीरिया, लेबनान, इजरायल और जॉर्डन में पाया जाता है. ड्रूज समुदाय के लोग एकेश्वरवाद में विश्वास रखते हैं और अपनी धार्मिक पुस्तकें और प्रथाओं को गुप्त रखते हैं. उनके धर्मांतरण की इजाजत नहीं होती और न ही वे दूसरे धर्मों में विवाह को मान्यता देते हैं.
सीरिया में ड्रूज समुदाय की संख्या लगभग 7 लाख है, जबकि गोलन हाइट्स में 20,000 ड्रूज नागरिक रहते हैं. इन नागरिकों ने इजरायली नागरिकता नहीं ली है और वे खुद को सीरियाई मानते हैं. इसके बावजूद, जब उनका खतरा बढ़ा, तो इजरायल ने हस्तक्षेप किया है, और यह साफ किया कि अगर इन समुदायों पर संकट आता है तो इजरायल उनकी रक्षा करेगा.
इजरायली सेना की कार्रवाई और उसके राजनीतिक आयाम
इजरायल ने हाल ही में सीरिया के स्वेदा प्रांत के अल-सामी गांव में बमबारी की, जहां पर ड्रूज समुदाय के लोग हिंसा का सामना कर रहे थे. इजरायल ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर सीरिया के सैनिक गोलन हाइट्स की सीमा से लगे इलाकों में प्रवेश करते हैं, तो इजरायल उनकी कार्रवाई का जवाब देगा. हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इजरायल का यह कदम सिर्फ ड्रूज समुदाय की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि दक्षिणी सीरिया में सीरियाई सेना की उपस्थिति को खत्म करने के लिए भी हो सकता है.
सीरिया में बढ़ते संघर्ष और इजरायल की रणनीति
सीरिया में इजरायल का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब सीरिया की सरकार और अलग-अलग समुदायों के बीच टकराव बढ़ गया है. विशेष रूप से, सीरिया के भीतर ड्रूज समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने इजरायल को इसे अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से जोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है. वहीं, गोलन हाइट्स के नियंत्रण को लेकर इजरायल की रणनीति भी जटिल होती जा रही है. इजरायल यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इस क्षेत्र में सीरियाई सेना की उपस्थिति न बढ़े, क्योंकि यह उनकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है.
इजरायल की इस सैन्य कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि वह सिर्फ अपनी सीमाओं की सुरक्षा नहीं, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर भी गंभीर है. गोलन हाइट्स में ड्रूज समुदाय की उपस्थिति और सीरिया की परिस्थितियों के बीच इजरायल का हस्तक्षेप एक राजनीतिक खेल बन गया है, जिसका असर पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र पर पड़ेगा.
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