क्या है एपस्टीन सेक्स स्कैंडल जो ट्रंप के लिए बना मुसीबत? कई बड़ी हस्तियों के नाम शामिल, जानें सबकुछ

    जेफ्री एपस्टीन का नाम एक बार फिर से अमेरिकी राजनीति के केंद्र में उभरकर सामने आया है, लेकिन इस बार उसका संबंध राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ा हुआ है.

    What is the Epstein sex scandal that has become a problem for Trump
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    वॉशिंगटन डीसी: जेफ्री एपस्टीन का नाम एक बार फिर से अमेरिकी राजनीति के केंद्र में उभरकर सामने आया है, लेकिन इस बार उसका संबंध राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ा हुआ है. जब से एपस्टीन की संदिग्ध मौत को लेकर बहस छिड़ी है, तब से उसकी कथित 'क्लाइंट फाइल' ने दुनियाभर में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. इस फाइल में दुनिया भर के ताकतवर नेताओं, प्रभावशाली बिजनेसमैन और प्रमुख हस्तियों के नाम जुड़े होने का दावा किया जा रहा है. इन चर्चाओं के बीच ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी एजेंसियों पर यह आरोप भी लग रहे हैं कि उन्होंने जानबूझकर इन दस्तावेजों को सार्वजनिक होने से रोका है ताकि कई हाई-प्रोफाइल नामों को बेनकाब होने से बचाया जा सके.

    सिर्फ अमेरिकी एजेंसियों पर ही नहीं, बल्कि ट्रंप के अपने समर्थकों और आलोचकों ने भी अब इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं कि क्यों वादे के बावजूद एपस्टीन से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक नहीं किया गया. ट्रंप का दावा था कि अगर वह राष्ट्रपति बने तो वह इन दस्तावेजों को सार्वजनिक करेंगे, लेकिन यह वादा अब तक अधूरा ही साबित हुआ है.

    जेफ्री एपस्टीन: अरबपति बनने की कहानी

    जेफ्री एपस्टीन के जीवन की शुरुआत किसी साधारण व्यक्ति की तरह ही हुई थी. 1970 के दशक में न्यूयॉर्क के एक स्कूल में मैथ और फिजिक्स पढ़ाने वाला एपस्टीन धीरे-धीरे एक रईस बिजनेसमैन बन गया. एक दिन उसकी किस्मत तब बदली जब एक स्टूडेंट के पिता ने उसे वॉल स्ट्रीट के बड़े निवेशकों से मिलवाया. इसी मुलाकात के बाद एपस्टीन ने बेयर स्टर्न्स नामक निवेश बैंक में नौकरी शुरू की और फिर 1981 में उसे कंपनी से बाहर कर दिया गया.

    कुछ ही समय बाद एपस्टीन ने अपनी खुद की फाइनेंशियल कंसल्टिंग फर्म, "एपस्टीन एंड कंपनी" शुरू की, जो अरबपतियों के लिए धन प्रबंधन सेवाएं देती थी. वह दावा करता था कि वह केवल उन क्लाइंट्स के पैसे को संभालता है जिनकी संपत्ति एक बिलियन डॉलर से अधिक हो. हालांकि, कई जांचों में यह बात सामने आई कि एपस्टीन का असली व्यवसाय कुछ और ही था और उसके कई धंधे संदिग्ध थे.

    एपस्टीन की जिंदगी में बदलाव तब आया जब उसने शानदार पार्टियां आयोजित करना शुरू किया. इनमें अक्सर विश्व प्रसिद्ध हस्तियां, जैसे बिल क्लिंटन, मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग, और पॉप स्टार माइकल जैक्सन शामिल होते थे. एपस्टीन की प्रतिष्ठा और संपर्कों ने उसे अमेरिकी उच्च समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलवाया.

    ट्रंप और एपस्टीन: दोस्ती से विवाद तक

    डोनाल्ड ट्रंप और एपस्टीन के बीच दोस्ती की शुरुआत भी एक पार्टी से ही हुई थी. 2002 में, ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा था, "मैं जेफ को 15 साल से जानता हूं, और वह शानदार आदमी है. हम दोनों को कम उम्र की खूबसूरत लड़कियां पसंद हैं." यह बयान उनके लिए बाद में मुसीबत बन गया, क्योंकि यह संकेत देता था कि दोनों के बीच एक तरह की आपत्ति जनक दोस्ती हो सकती थी.

    1992 में, ट्रंप ने एपस्टीन को अपनी फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो रिसॉर्ट में एक पार्टी में आमंत्रित किया था. इस घटना का एक फुटेज 2019 में सार्वजनिक हुआ था, जिसमें ट्रंप एपस्टीन के साथ एक महिला की ओर इशारा करते हुए उसे "हॉट" कह रहे थे.

    इसके अलावा, ट्रंप और एपस्टीन के बीच रिश्ते को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि ट्रंप ने एपस्टीन के निजी जेट से सात बार यात्रा की थी. हालांकि, ट्रंप ने हमेशा यह कहा कि वह कभी एपस्टीन के प्राइवेट आइलैंड पर नहीं गए और उन्होंने कभी कोई गलत काम नहीं किया.

    एपस्टीन का अपराध और पहली गिरफ्तारी

    जुलाई 2005 में पहली बार एपस्टीन पर यौन शोषण का आरोप सामने आया जब एक 14 साल की लड़की की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. मामले में यह सामने आया कि एपस्टीन ने नाबालिग लड़कियों को अपनी पार्टियों में बुलाया और फिर उन्हें शोषण का शिकार बनाया. पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि एपस्टीन के पास न्यूयॉर्क और पाम बीच में शानदार विला थे, जहां वह हाई-प्रोफाइल पार्टियां आयोजित करता था.

    बाद में यह भी सामने आया कि एपस्टीन अपने निजी जेट "लोलिता एक्सप्रेस" से कम उम्र की लड़कियों को इन पार्टियों में लाता था और उन्हें पैसों और गहनों का लालच देकर शोषण करता था. उसके साथ उसकी गर्लफ्रेंड गिस्लेन मैक्सवेल भी उसकी मदद करती थी.

    मी टू आंदोलन और एपस्टीन का पतन

    2017 में जब अमेरिका में मी टू आंदोलन शुरू हुआ, तब एपस्टीन का नाम फिर से उभरकर सामने आया. इस आंदोलन में हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे वाइंस्टीन के खिलाफ आरोपों के बाद एपस्टीन पर यौन शोषण के कई गंभीर आरोप लगे. वर्जीनिया गिफ्रे नामक युवती ने खुलासा किया कि एपस्टीन ने तीन साल तक उसका यौन शोषण किया. इसके अलावा, उसने ब्रिटिश प्रिंस एंड्रयू पर भी आरोप लगाए थे कि जब वह नाबालिग थी, तो शाही परिवार के सदस्य ने उसका शोषण किया.

    वर्जीनिया गिफ्रे ने यह भी दावा किया कि वह ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित क्लब मार-ए-लागो में काम कर रही थी, जहां उसकी मुलाकात गिस्लेन मैक्सवेल से हुई थी, जिसने उसे एपस्टीन के पास भेजा. हालांकि गिफ्रे ने कभी यह नहीं कहा कि ट्रंप ने उसका शोषण किया, लेकिन इस मामले ने ट्रंप के क्लब और एपस्टीन के संपर्कों को लेकर नई चर्चाएं शुरू कर दीं.

    एपस्टीन की गिरफ्तारी और रहस्यमय मौत

    6 जुलाई 2019 को एपस्टीन को फिर से गिरफ्तार किया गया, और उस पर सेक्स ट्रैफिकिंग के गंभीर आरोप लगे. 23 जुलाई को उसे अपनी जेल में बेहोश पाया गया और इसके बाद सुरक्षा बढ़ाई गई, लेकिन 10 अगस्त 2019 को उसे उसी हाई-सिक्योरिटी जेल में मृत पाया गया. यह मामला और भी संदिग्ध हो गया जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पाया गया कि एपस्टीन की गर्दन की कुछ हड्डियां टूटी थीं, जो आमतौर पर गला घोंटने से होती हैं, न कि आत्महत्या से.

    एपस्टीन की मौत के बाद FBI और जस्टिस डिपार्टमेंट ने इसकी जांच शुरू की, लेकिन कुछ दस्तावेज और सबूत गायब हो गए. इसके कारण यह आशंका जताई गई कि एपस्टीन को मारकर उसकी मौत को आत्महत्या का रूप दिया गया ताकि उसकी क्लाइंट लिस्ट में शामिल हाई-प्रोफाइल नामों का खुलासा न हो.

    ट्रंप पर बढ़ती चिंताएं और विवाद

    अब, जब कई सालों बाद ट्रंप के प्रशासन पर एपस्टीन की फाइलों को दबाने के आरोप लगाए जा रहे हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या ट्रंप के समर्थकों को यह सत्य जानने का अधिकार नहीं है कि उनके राष्ट्रपति पर कोई शक तो नहीं है? इलॉन मस्क ने दावा किया है कि एपस्टीन की फाइलों में ट्रंप का नाम शामिल है, और यही वजह हो सकती है कि इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है.

    ट्रंप ने 2016 में चुनाव प्रचार के दौरान यह वादा किया था कि वह एपस्टीन की फाइलों को सार्वजनिक करेंगे, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. अब जस्टिस डिपार्टमेंट ने 2025 में इन फाइलों को सार्वजनिक करने की योजना बनाई है, हालांकि इस बारे में अभी कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दी गई है.

    ये भी पढ़ें- लश्कर का हेडक्वार्टर शिफ्ट, एयर स्पेस बंद... पाकिस्तान को फिर से क्यों सताने लगा एयरस्ट्राइक का डर?