Suicide ड्रोन ने उड़ा दी शहबाज और मुनीर की नींद, तबाह किए कई आतंकी ठिकाने; जानें कब से हो रहे इस्तेमाल

    Suicide Drone: भारत ने पिछली रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान व PoK में फैले नौ आतंकवादी अड्डों पर सटीक हमले किए और इनसे संबंधित कई आतंकियों को खत्म कर दिया.

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    Image Source: DRDO

    Suicide Drone: भारत ने पिछली रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान व PoK में फैले नौ आतंकवादी अड्डों पर सटीक हमले किए और इनसे संबंधित कई आतंकियों को खत्म कर दिया. इस अभियान को भारतीय आर्मी, एयरफोर्स और नेवी ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया, जिसमें एक नया सामरिक हथियार—आत्मघाती ड्रोन (Loitering Munition System) का इस्तेमाल किया गया.

    आत्मघाती ड्रोन क्या हैं?

    • परिचय: आत्मघाती ड्रोन, जिन्हें सुसाइड या कामिकेज ड्रोन भी कहा जाता है, वे छोटे उड़ने वाले प्लेटफ़ॉर्म होते हैं जिनमें विस्फोटक वारहेड स्थापित होता है.
    • कार्यप्रणाली: ये ड्रोन निर्धारित लक्ष्य की ओर मंडराते रहते हैं (लुयोंटर) और जैसे ही लक्ष्य फिक्स होता है, खुद में विस्फोट कर उसे तहस-नहस कर देते हैं.

    विशेषताएं:

    • गुप्तचर अंदाज: ये छिपकर उड़ान भरते हैं और आवश्यकतानुसार अचानक सक्रिय हो जाते हैं.
    • दूरी एवं नियंत्रण: ऑपरेटर मध्य उड़ान में भी मिशन निरस्त या रीडायरेक्ट कर सकता है. किफायती एवं पोर्टेबल: बैकपैक में फिट हो सकने वाली साइज, जिससे किसी भी मोर्चे से त्वरित लॉन्च संभव.

    आत्मघाती ड्रोन का विकास एवं उपयोग

    • उत्पत्ति: 1980 के दशक में पहली बार SEAD (सप्रेशन ऑफ एनिमी एयर डिफेंस) अभियानों में तैनात.
    • विकास क्रम: 1990 में कई सेनाओं ने इन्हें अपनाया; 2000 के दशक की शुरुआत में लंबी-रेंज सुसाइड ड्रोन विकसित हुए.

    रणनीतिक लाभ

    न्यूनतम कोलैटरल डैमेज: केवल विशिष्ट लक्ष्य को नष्ट, आसपास के इलाक़ों का सुरक्षित रखरखाव. जासूसी व हमला एक साथ: निगरानी व आक्रमण एक ही प्लेटफ़ॉर्म से संभव.

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ड्रोन की भूमिका

    लक्ष्य निर्धारण: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चुने गए नौ ठिकानों तक ड्रोन ने गुप्त तरीके से पहुँचकर वारहेड डिलीवर किया. कार्रवाई का स्वरूप: सीमा के अंदर से नियंत्रण कर तुरन्त मिशन पूरा, जिससे पाकिस्तानी वायु रक्षा को चौंका देने में कामयाबी मिली.  आतंकियों के कमांड पोस्ट्स एवं गोदाम ध्वस्त, और देश में इस नवीन तकनीक की क्षमताओं का भरोसा और बढ़ा.

    ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह साबित कर दिया कि आधुनिक युद्ध में उभरती तकनीक—जैसे आत्मघाती ड्रोन—सटीक साधन बनकर आतंकवादियों के विनाश में अहम भूमिका निभाती है. अब भारत की सैन्य क्षमताएं जल्द, चुपके और कम जोखिम में निर्णायक प्रहार करने में और अधिक प्रभावी हो चुकी हैं.

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