भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में मोहम्मद यूनुस की भड़काऊ टिप्पणी पर अब बांग्लादेश ने सफाई दी है. पिछले सप्ताह चीन यात्रा के दौरान मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर के सात भारतीय राज्यों, जिन्हें 'सेवन सिस्टर्स' (सात बहनें) कहा जाता है, को एक घिरा हुआ क्षेत्र बताया था. उनके इस बयान पर भारत से कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे भड़काऊ माना. इसके बाद, बांग्लादेश के विभाजन की बातें भी उठने लगीं. अब बांग्लादेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि यूनुस का बयान गलत तरीके से समझा गया है.
'समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं'
बांग्लादेश के मीडिया आउटलेट डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद यूनुस के एक सहयोगी खलीलुर रहमान ने कहा, "यूनुस ने ईमानदारी से बयान दिया था. अगर लोग इसे गलत तरीके से समझते हैं, तो हम इसे रोक नहीं सकते हैं."
बीजिंग यात्रा के दौरान, मोहम्मद यूनुस ने एक कार्यक्रम में कहा था, "पूर्वोत्तर भारत के सात राज्य, जिन्हें 'सेवन सिस्टर्स' कहा जाता है, भारत का एक लैंडलॉक्ड (जमीन से घिरा) क्षेत्र हैं. इन राज्यों के पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. हम इस क्षेत्र में समुद्र के एकमात्र संरक्षक हैं." उन्होंने इसे चीन के लिए एक बड़ी संभावना बताया था.
'यूनुस का बयान भारत की भू-राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के खिलाफ'
यूनुस के इस बयान के बाद भारत में नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे आक्रामक टिप्पणी बताया और सिलीगुड़ी कॉरिडोर और उसके आस-पास रेलवे और सड़क नेटवर्क मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यूनुस का बयान भारत की भू-राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के खिलाफ है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. वहीं, टिपरा मोथा पार्टी के नेता प्रद्योत वर्मा ने बांग्लादेश को तोड़ने और पूर्वोत्तर को समुद्र तक पहुंच दिलाने की बात की थी.
इस बीच, बांग्लादेश ने यह भी कहा है कि बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान मोहम्मद यूनुस की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हो सकती है. खलीलुर रहमान ने बताया कि बांग्लादेश ने इस मुलाकात के लिए संपर्क किया है और इसकी संभावना है.
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