नई दिल्ली: भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में जल्द ही एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ने जा रहा है. रूस में निर्मित अत्याधुनिक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट ‘आईएनएस तमाल’ को 1 जुलाई को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा.
यह नौसेना का अंतिम विदेशी-निर्मित युद्धपोत होगा, क्योंकि भारत अब पूरी तरह से आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण नीति की ओर अग्रसर है.
तमाल: बहु-भूमिका वाला घातक युद्धपोत
आईएनएस तमाल को खास तौर पर स्टेल्थ तकनीक और मल्टी-डोमेन युद्ध क्षमताओं से लैस किया गया है. यह न केवल सतह पर मौजूद दुश्मन जहाजों को निशाना बना सकता है, बल्कि पनडुब्बियों और हवाई खतरों से भी निपटने की पूरी तैयारी के साथ आता है.
मुख्य विशेषताएं:
भारत-रूस रक्षा सहयोग का प्रतीक
तमाल, भारत और रूस के बीच वर्ष 2016 में हुए समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत चार ‘तलवार क्लास’ फ्रिगेट बनाए जाने थे. इसमें से दो जहाज रूस में और दो भारत में बनने थे. रूस में निर्मित ‘आईएनएस तुशील’ को 2023 में नौसेना में शामिल किया जा चुका है और अब ‘तमाल’ इस श्रृंखला का दूसरा और अंतिम युद्धपोत होगा जो रूस से प्राप्त होगा.
नौसेना की रणनीतिक मजबूती
तमाल के शामिल होने के बाद भारतीय नौसेना के पास कुल 14 फ्रिगेट हो जाएंगे. इसके अतिरिक्त, नौसेना के पास अभी:
फ्रिगेट अपने आकार और क्षमता में डिस्ट्रॉयर से छोटे होते हैं, लेकिन विशेष प्रकार के अभियान जैसे कि पनडुब्बी रोधी युद्ध, काफिला सुरक्षा और गश्त में अत्यधिक प्रभावी माने जाते हैं. तमाल जैसे युद्धपोत नौसेना को मल्टी-थियेटर अभियानों में अधिक लचीलापन और संचालन क्षमता प्रदान करते हैं.
'आत्मनिर्भर भारत' की ओर कदम
‘तमाल’ के साथ भारतीय नौसेना का विदेशी जहाजों पर निर्भरता का अध्याय समाप्त होता है. अब से सभी प्रमुख युद्धपोत ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए जाएंगे. भारत पहले ही प्रोजेक्ट 17A के तहत उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट्स, प्रोजेक्ट 15B डिस्ट्रॉयर, और अगली पीढ़ी की सबमरीन निर्माण योजनाओं पर कार्य कर रहा है.
कब और कहां होगा शामिल?
सूत्रों के अनुसार, 1 जुलाई को रूस में ही एक औपचारिक समारोह के तहत आईएनएस तमाल को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा. इस अवसर पर भारत से वरिष्ठ नौसेना अधिकारी मौजूद रहेंगे. कमिशनिंग के बाद यह जहाज भारत लाया जाएगा, जहां इसे पश्चिमी नौसेना कमान में तैनात किए जाने की संभावना है.
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