क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, भारत में यह एक भावना है. जब बात विराट कोहली (Virat kohli) की हो, तो उम्मीदें कई गुना बढ़ जाती हैं. एक वक्त था जब हर जीत, हर रिकॉर्ड, हर कप्तानी फ़ैसले का नाम कोहली से जुड़ता था. लेकिन अचानक एक-एक करके विराट ने कप्तानी छोड़ दी. पहले T20, फिर RCB, और आखिरकार टेस्ट टीम भी कप्तानी छोड़ दी. इसके बाद सवाल उठे कि विराट इतनी कम उम्र में कप्तानी से पीछे क्यों हट गए. वहीं अब जाकर खुद कोहली ने इस चुप्पी तोड़ी है.
खुश रहने के लिए छोड़ दी कप्तानी
RCB बोल्ड डायरीज पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान विराट ने बताया कि उन्होंने करीब आठ से दस साल तक टीम इंडिया और RCB की कप्तानी की. इस दौरान न सिर्फ मैदान पर, बल्कि मैदान के बाहर भी उनके हर कदम पर निगाहें थीं. हर बार जब वे बल्लेबाज़ी के लिए उतरते, तो सिर्फ रन नहीं, एक पूरा देश उम्मीदें लेकर देख रहा होता था. धीरे-धीरे ये दबाव, ये शोर, उनकी मानसिक शांति को खा गया. कोहली ने साफ कहा "मैंने सोचा, बहुत हो गया. अब मुझे खुद के लिए, अपने अंदर की खुशी के लिए सोचना होगा."
उन्होंने यह भी बताया कि साल 2022 में एक महीना ऐसा भी आया, जब उन्होंने बल्ला तक नहीं छुआ. ना नेट प्रैक्टिस, ना मैच सिर्फ एक मानसिक ब्रेक. इसी दौरान उन्हें यह अहसास हुआ कि अगर खेल में टिके रहना है, तो खुश रहना सबसे ज़रूरी है.
धोनी और गैरी कर्स्टन के बारे में क्या बोले कोहली?
कोहली ने इस बातचीत में अपने करियर की शुरुआत और उन दो लोगों का भी ज़िक्र किया, जिन्होंने उन पर सबसे ज़्यादा विश्वास जताया. कोहली ने कहा कि एमएस धोनी और गैरी कर्स्टन ने उन्हें भारत के लिए नंबर तीन पर खेलने का आत्मविश्वास दिया. कोहली ने कहा कि उन्होंने कई बड़े और दिग्गज क्रिकेटर्स को खेलते हुए देखा है, उन्हें नहीं लगता था कि उनका खेल उन दिग्गजों के करीब भी था. लेकिन धोनी और कर्स्टन ने उन्हें भरोसा दिया कि उनकी नंबर तीन की जगह पक्की है.
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