उपराष्ट्रपति चुनाव: नामांकन प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा, सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर से जुड़ा मामला आया सामने

    Vice Presidential Election: भारत के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम है, लेकिन इस बीच नामांकन प्रक्रिया से जुड़ी एक गंभीर अनियमितता ने सभी को चौंका दिया है.

    Vice Presidential Election Big fraud in nomination process know more
    Image Source: ANI/ File

    Vice Presidential Election: भारत के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम है, लेकिन इस बीच नामांकन प्रक्रिया से जुड़ी एक गंभीर अनियमितता ने सभी को चौंका दिया है. दरअसल, केरल के जोएमोन जोसेफ द्वारा दाखिल किए गए नामांकन पत्र में फर्जी हस्ताक्षरों का मामला उजागर हुआ है. आरोप है कि उन्होंने कई सांसदों के फर्जी दस्तखत कराए और उनके नाम बिना अनुमति के प्रस्तावक और समर्थक के तौर पर इस्तेमाल किए.

    उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त थी. इस दिन तक कुल 46 उम्मीदवारों की ओर से 68 नामांकन पत्र दाखिल किए गए. प्रारंभिक छानबीन में ही 19 उम्मीदवारों के 28 नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए थे. 22 अगस्त को बाकी 40 नामांकनों की जांच की गई, जिसमें केवल दो उम्मीदवार – सी.पी. राधाकृष्णन और बी. सुदर्शन रेड्डी के नामांकन वैध पाए गए.

    इसी जांच के दौरान जोएमोन जोसेफ के नामांकन में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया. उनके द्वारा प्रस्तुत नामांकन पत्र में 22 प्रस्तावक और 22 समर्थक के तौर पर लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के नाम और हस्ताक्षर दिए गए थे. लेकिन जब इन सांसदों से पुष्टि की गई, तो कई ने साफ इंकार कर दिया कि उन्होंने कभी जोसेफ के नामांकन का समर्थन किया हो.

    कैसे हुआ खुलासा?

    सबसे चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब वाईएसआरसीपी के सांसद मिधुन रेड्डी के नामांकन में एक ऐसे सांसद के दस्तखत पाए गए, जो वर्तमान में जेल में बंद हैं. यह बात स्पष्ट तौर पर संकेत देती है कि नामांकन पत्र में फर्जी तरीके से सांसदों के हस्ताक्षर जोड़े गए.

    चुनाव की तारीख और प्रक्रिया

    पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने 9 सितंबर को मतदान की तारीख तय की है. इसी दिन देश को नया उपराष्ट्रपति मिलेगा. नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 25 अगस्त रखी गई है.

    क्या कहते हैं चुनाव आयोग के नियम?

    भारतीय संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करते समय कम से कम 20 सांसदों का समर्थन और 20 सांसदों का प्रस्ताव आवश्यक होता है. यदि इनमें किसी भी प्रकार की अनियमितता या फर्जीवाड़ा साबित होता है, तो नामांकन स्वतः निरस्त हो जाता है और आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है.

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