Arunachal Pradesh 2G Ethanol Plant: अरुणाचल प्रदेश अब स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है. राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ओजिंग तासिंग ने ऐलान किया है कि यहां देश का पहला निजी सेक्टर 2G एथनॉल प्लांट स्थापित किया जाएगा, जो बांस को रिन्युएबल फीडस्टॉक के रूप में इस्तेमाल करेगा. उन्होंने इस पहल को राज्य के हरित भविष्य की नींव बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक तकनीकी प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में अरुणाचल की बड़ी भागीदारी होगी.
स्थानीय लोगों के लिए नए अवसर भी खुलेंगे
मंत्री तासिंग के अनुसार, यह परियोजना न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी होगी, बल्कि इससे स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे. अरुणाचल प्रदेश के पास बांस जैसे प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है, जिसका उपयोग करके यह राज्य आत्मनिर्भरता और टिकाऊ विकास की मिसाल बनेगा.
एथनॉल: प्रदूषण कम करने वाला प्राकृतिक विकल्प
एथनॉल एक साफ और प्राकृतिक फ्यूल है, जिसे अब तक गन्ना और मक्का जैसी फसलों से तैयार किया जा रहा था. इसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों के लिए ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है. इसका मकसद है पेट्रोल की खपत कम करना और प्रदूषण को नियंत्रित करना. अब बांस से इथेनॉल बनाकर यह लक्ष्य और भी सस्ता व टिकाऊ हो सकता है.
कैसे काम करता है एथनॉल फ्यूल?
मार्केट में अब E20 फ्यूल आ चुका है, जिसमें 20% एथनॉल और 80% पेट्रोल होता है. ये मिश्रण इंजन में जलकर गाड़ियों को वही ताकत देता है, जो पारंपरिक पेट्रोल देता है, लेकिन उससे कहीं कम प्रदूषण करता है. नई गाड़ियों को E20 कंपैटिबल बनाया जा रहा है, ताकि पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम है, बल्कि भारत की ऊर्जा नीति में भी बड़ा बदलाव ला सकती है. बांस जैसे संसाधनों से ईंधन बनाना न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा भी देगा.
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