वाराणसी: उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने वाराणसी से एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे का पर्दाफाश किया है. मोहम्मद तुफैल नामक युवक को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. तुफैल, धार्मिक आयोजनों की आड़ में देश के विभिन्न संवेदनशील स्थलों की जानकारी पाकिस्तानी संपर्कों तक पहुंचा रहा था.
धर्म की आड़ में देशविरोधी गतिविधियां
तुफैल ने खुद को धार्मिक और सामाजिक आयोजनों से जोड़ा हुआ था, लेकिन जांच में सामने आया कि वह मजलिसों के जरिए पाकिस्तान समर्थक विचारधारा से जुड़ चुका था. वह कई धार्मिक यात्राओं के बहाने भारत के प्रमुख स्थलों का भ्रमण करता और उनकी जानकारी पाकिस्तान भेजता.
ATS सूत्रों के अनुसार, तुफैल ने एक साल में 600 से अधिक पाकिस्तानी नागरिकों से संपर्क साधा, जिनमें एक पाकिस्तानी सेना अधिकारी की पत्नी "नफीसा" भी शामिल है. तुफैल नफीसा से व्यक्तिगत रूप से जुड़ गया था और उसे व्हाट्सएप पर लगातार भारत की संवेदनशील जगहों की तस्वीरें, वीडियो और जानकारियां भेजता था.
जासूसी का नेटवर्क और संदिग्ध उद्देश्य
तुफैल के मोबाइल से ATS को दिल्ली, वाराणसी और अयोध्या के कई अहम स्थलों के वीडियो मिले हैं—जिनमें राजघाट, लाल किला, जामा मस्जिद, काशी के नमो घाट और ज्ञानवापी परिसर शामिल हैं.
इतना ही नहीं, जांच में यह भी सामने आया है कि तुफैल सोशल मीडिया पर गजवा-ए-हिंद जैसी कट्टर विचारधाराओं का समर्थन करता था और बाबरी मस्जिद से जुड़ी भावनाओं को भड़काने वाले संदेशों के जरिए युवाओं को भड़काने की कोशिश करता था.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी तक पहुंचा
एक धार्मिक व्हाट्सऐप ग्रुप में जुड़कर तुफैल की मुलाकात नफीसा से हुई. नफीसा के जरिए वह एक पाकिस्तानी अधिकारी के सीधे संपर्क में आया. ATS की जांच में पता चला है कि तुफैल नफीसा के साथ व्हाट्सऐप कॉल और मैसेजिंग के जरिए घंटों बातचीत करता था.
कहा जा रहा है कि तुफैल जहां-जहां जाता, वहां की तस्वीरें और जानकारियां नफीसा को भेजता था, जिससे पाकिस्तानी एजेंसियों को भारत के अंदरूनी हालात की जानकारी मिलती रही.
पाकिस्तान रवाना होने की थी तैयारी
तुफैल ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह बकरीद पाकिस्तान में मनाने की योजना बना चुका था और इसके लिए दस्तावेज तैयार करवा रहा था. हालांकि, पहलगाम हमले और बॉर्डर पर बढ़े तनाव के चलते वीजा प्रक्रिया रोक दी गई.
यह खुलासा सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद चिंताजनक है कि कैसे एक सामान्य सा युवक भारत में रहकर पड़ोसी देश की साजिशों का सक्रिय हिस्सा बन चुका था.
युवाओं को भड़काने का आरोप
ATS को तुफैल के पास से कुछ डायरियां, धार्मिक किताबें और कई देशों के अखबारों की कटिंग्स मिली हैं. तुफैल ने पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के प्रमुख मौलाना शाद रिजवी के वीडियो से प्रभावित होकर उसका अनुसरण शुरू किया.
उसने रिजवी के भड़काऊ वीडियो न सिर्फ देखे बल्कि उन्हें देश के कई व्हाट्सऐप ग्रुप्स में साझा भी किया. मजलिसों में भाग लेकर वह युवाओं को यह कहकर भड़काता था, "बाबरी की जमीन भूल गए क्या? कैसे छोड़ सकते हो?"
तलाक के बाद मां के साथ रह रहा था
तुफैल का बचपन वाराणसी के हनुमान फाटक में नाना के घर बीता. उसके पिता ने तलाक के बाद उसकी मां और तीन बच्चों को मायके भेज दिया था. तुफैल ने पारिवारिक कठिनाइयों के बीच सीलिंग की कारीगरी सीखी, लेकिन जल्दी ही वह मजलिसों में सक्रिय हो गया.
धीरे-धीरे उसका झुकाव कट्टरपंथ की ओर बढ़ा और वह धार्मिक आयोजनों की आड़ में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलग्न हो गया.
ATS और NIA की नजर में था तुफैल
तुफैल पिछले 3 महीनों से एटीएस और एनआईए दोनों एजेंसियों की रडार पर था. उसके सोशल सर्कल की भी निगरानी की जा रही थी. जब उसे हिरासत में लिया गया तो शुरू में वह भटकाने की कोशिश करता रहा, लेकिन व्हाट्सऐप चैट्स और मोबाइल डेटा सामने आने के बाद उसने पाकिस्तान से संबंध स्वीकार कर लिए.
फिलहाल ATS चैट्स और डिजिटल डेटा को रिकवर कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितनी संवेदनशील जानकारी पहले ही लीक हो चुकी है.
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