अमेरिका पर मंडराया वैली फीवर का खतरा, कितनी खतरनाक है यह बीमारी, जानिए सिम्पटम और ट्रीटमेंट

    वैली फीवर का वैज्ञानिक नाम कोक्सीडियोइडोमाइकोसिस है. यह एक फंगल संक्रमण है जो विशेष प्रकार के फंगस — Coccidioides — के कारण होता है. यह संक्रमण मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है और इससे संक्रमित व्यक्ति को बुखार, खांसी, थकान जैसे लक्षण हो सकते हैं.

    Valley fever is spreading rapidly in America Know the symptoms and treatment
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Valley fever in America: जब एक बीमारी खत्म नहीं होती, दूसरी दस्तक दे देती है. अमेरिका में लोग पहले ही बर्ड फ्लू और खसरे जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे, और अब एक बार फिर एक पुरानी लेकिन खतरनाक बीमारी वैली फीवर ने सिर उठाना शुरू कर दिया है. कैलिफोर्निया में इस संक्रमण के मामलों में अचानक बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. इस साल अब तक 3,100 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जो कि पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक हैं. विशेषज्ञ इसे लेकर गंभीर चिंता जता रहे हैं क्योंकि बिना इलाज के यह बीमारी घातक भी हो सकती है.    

    वैली फीवर क्या है?

    वैली फीवर का वैज्ञानिक नाम कोक्सीडियोइडोमाइकोसिस (Coccidioidomycosis) है. यह एक फंगल संक्रमण है जो विशेष प्रकार के फंगस — Coccidioides — के कारण होता है. यह संक्रमण मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है और इससे संक्रमित व्यक्ति को बुखार, खांसी, थकान जैसे लक्षण हो सकते हैं.

    कैसे फैलता है यह संक्रमण?

    इस फंगस के बीजाणु (spores) ज़मीन में मौजूद रहते हैं, खासकर सूखी और धूल भरी मिट्टी में. जब यह मिट्टी हवा में उड़ती है और व्यक्ति इसे सांस के ज़रिए अंदर ले लेता है, तब संक्रमण हो सकता है. यह बीमारी व्यक्ति से व्यक्ति में नहीं फैलती.

    लक्षणों पर ध्यान दें

    लगातार थकावट
    सूखी खांसी
    बुखार और सिरदर्द
    सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत
    रात में पसीना आना
    मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
    त्वचा पर दाने (खासकर ऊपरी शरीर और पैरों पर)

    कितना गंभीर हो सकता है वैली फीवर?

    CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के अनुसार, लगभग 5-10% मामलों में फेफड़ों में लंबे समय तक चलने वाली समस्याएं हो सकती हैं. करीब 1% मरीजों में यह संक्रमण मस्तिष्क, त्वचा, हड्डियों या जोड़ों तक फैल सकता है, जिससे स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है. हालांकि यह संक्रमण संक्रामक नहीं होता, फिर भी इसकी गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

    इलाज क्या है?

    हल्के मामलों में यह संक्रमण बिना किसी दवा के खुद-ब-खुद ठीक हो सकता है. गंभीर मामलों में डॉक्टर एंटीफंगल दवाओं का सहारा लेते हैं और कभी-कभी अस्पताल में भर्ती करना भी जरूरी हो जाता है.

    नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है.  ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें. 

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