Jalalabad Became Parshurampuri: वर्षों से चली आ रही मांग अब हकीकत में बदलने जा रही है. भगवान परशुराम की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध जलालाबाद अब जल्द ही "परशुरामपुरी" के नाम से जाना जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस नाम परिवर्तन को आधिकारिक मंजूरी दे दी है.
गृह मंत्रालय के अवर सचिव उन्नीकृष्णन ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेजते हुए इस फैसले की सूचना दी है. इसके साथ ही, सरकार ने इस ऐतिहासिक नामकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश भी दिया है.
परशुराम की धरती को उसका सम्मान
जलालाबाद को तीन साल पहले पर्यटन स्थल के रूप में पहले ही घोषित किया जा चुका है. यहां सुंदरीकरण और विकास कार्य भी तेज़ी से चल रहे हैं, ताकि इसे एक धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में स्थापित किया जा सके. यह मांग कोई नई नहीं थी. वर्षों से स्थानीय नागरिक, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि जलालाबाद का नाम "परशुरामपुरी" या "परशुराम धाम" किए जाने की वकालत कर रहे थे. इस दिशा में कई अहम कदम भी उठाए गए:
24 मार्च को नगर पालिका जलालाबाद की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा गया. 16 अप्रैल को डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव नगर विकास को नाम परिवर्तन की संस्तुति के साथ रिपोर्ट भेजी. केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मांग का समर्थन किया. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को औपचारिक पत्र भेजा.
अब क्या होगा आगे?
अब जब गृह मंत्रालय से अंतिम स्वीकृति मिल गई है, तो प्रशासनिक स्तर पर जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर नाम परिवर्तन को अधिकारिक रूप दिया जाएगा. आने वाले समय में नक्शों, दस्तावेजों और सरकारी रिकॉर्ड्स में भी यह बदलाव नजर आने लगेगा.
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