'टैरिफ' मेरा फेवरेट शब्द, इससे 8 जंग रुकवाए, अमेरिका ने पैसा कमाया... ट्रंप ने गिनाई अपनी उपलब्धियां

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने भाषण में कहा कि “टैरिफ” अंग्रेजी का उनका सबसे पसंदीदा शब्द है.

    US President Trump said- Tariff is my favorite English word
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने भाषण में कहा कि “टैरिफ” अंग्रेजी का उनका सबसे पसंदीदा शब्द है. ट्रंप ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में टैरिफ नीति ने दुनिया के आठ अलग-अलग संघर्षों को रोकने में मदद की और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अप्रत्याशित रूप से लाभ पहुंचाया.

    ट्रंप ने यह बयान व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान दिया. इस भाषण में उन्होंने अपने पहले 11 महीनों के कार्यकाल का आकलन किया और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधा. ट्रंप ने कहा कि उनके सत्ता संभालने से पहले देश में कई आर्थिक और वैश्विक चुनौतियां थीं, जिन्हें उन्होंने अपने नीतिगत कदमों से संभाला.

    टैरिफ नीति और आर्थिक लाभ

    ट्रंप ने विशेष रूप से कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील और भारत सहित कई देशों पर लगाए गए टैरिफ का हवाला दिया. उनका कहना था कि इससे अमेरिका को उम्मीद से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ. उन्होंने जोर देकर कहा कि टैरिफ न केवल अमेरिकी उद्योगों को मजबूती देने में सहायक रहा, बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक और कूटनीतिक विवादों को भी टाला.

    ट्रंप के अनुसार, टैरिफ की वजह से अमेरिकी कंपनियों और श्रमिकों को लाभ हुआ और यह नीति उन्हें “आर्थिक ताकत बहाल करने” का अवसर देती रही. उन्होंने दावा किया कि टैरिफ ने ईरान के परमाणु खतरे और गाजा संघर्ष जैसी घटनाओं को भी नियंत्रित किया.

    विपक्ष की प्रतिक्रिया

    डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने ट्रंप के भाषण की तीखी आलोचना की. सांसद क्रिस वैन होलेन ने कहा कि ट्रंप ने भाषण में कई झूठे दावे किए. कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूजॉम ने सोशल मीडिया पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि ट्रंप का भाषण केवल “मैं, मैं, मैं” का बयान था.

    विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ नीति वास्तव में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए मिश्रित प्रभाव रखती है. हालांकि इसे राजस्व और घरेलू उद्योग संरक्षण के रूप में देखा जा सकता है, यह उपभोक्ताओं के लिए महंगी वस्तुओं का कारण भी बनती है.

    महंगाई और नागरिकों पर असर

    ट्रंप ने अपने भाषण में महंगाई और जीवन यापन पर ज्यादा जोर नहीं दिया, लेकिन उनका दावा था कि उनके नीतिगत कदमों के कारण किराने का सामान, वाहन और अन्य वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित हो रही हैं.

    हालांकि, अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2025 में खाद्य और ऊर्जा की कीमतें अभी भी बढ़ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच अमेरिका में खाद्य पदार्थों की कीमतें 2.7% तक बढ़ीं, जिसमें बीफ और केले की कीमत में 7% का इजाफा हुआ.

    एक अनुमान के अनुसार, टैरिफ और महंगाई के संयुक्त प्रभाव से अमेरिकी परिवार का वार्षिक खर्च औसतन 2 से 8 लाख रुपए तक बढ़ गया.

    प्रवासी नीतियां और रोजगार

    भाषण में ट्रंप ने अवैध प्रवासियों पर भी तीखी टिप्पणियाँ की. उनका दावा था कि अवैध प्रवासी अमेरिकी नौकरियों और संसाधनों पर दबाव डाल रहे हैं. उन्होंने प्रवासियों को अपराध और आर्थिक समस्याओं का जिम्मेदार भी ठहराया.

    हालांकि, स्वतंत्र विश्लेषण बताते हैं कि प्रवासी अमेरिका की कृषि, निर्माण और सेवा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और कर के रूप में जितना लेते हैं उससे अधिक वापस लौटाते हैं.

    भारत पर टैरिफ और व्यापार समझौता

    ट्रंप ने भारत पर लगाए गए टैरिफ और पैनल्टी का भी उल्लेख किया. उनका दावा था कि अमेरिका ने रूस से तेल की खरीद को लेकर भारत पर टैरिफ लगाए थे, जिनकी दर 25% थी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत पर अब तक कुल 50 टैरिफ लगाए गए, जिनमें 25% रेसीप्रोकल टैरिफ और 25% पैनल्टी शामिल हैं.

    ट्रंप ने यह भी बताया कि अमेरिका और भारत नए व्यापार समझौते पर बातचीत के अंतिम चरण में हैं. उन्होंने आश्वस्त किया कि इस समझौते के तहत भारत पर टैरिफ धीरे-धीरे कम किए जाएंगे, क्योंकि भारत की रूस से तेल की खरीद अब काफी कम हो गई है.

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