यूनुस की धमकियों पर भारत का तगड़ा एक्शन, बांग्लादेश में वीजा एप्लीकेशन सेंटर बंद, हाई कमिश्नर को तलब

    भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव के बीच भारत सरकार ने बड़ा और सख्त फैसला लिया है.

    Indian Visa Application Center closed in Bangladesh
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    भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव के बीच भारत सरकार ने बड़ा और सख्त फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने 17 दिसंबर 2025 को नोटिस जारी कर बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित इंडियन वीजा एप्लीकेशन सेंटर (IVAC) को बंद करने का आदेश दिया है. यह निर्णय मौजूदा सुरक्षा हालात और भारत के कूटनीतिक मिशनों को मिल रही संभावित धमकियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

    सरकार के मुताबिक, हाल के दिनों में चरमपंथी गतिविधियों की आशंका और बांग्लादेश के कुछ राजनीतिक नेताओं की उकसावे वाली बयानबाजी से सुरक्षा स्थिति चिंताजनक हो गई है.

    मुख्य वीजा केंद्र पर तत्काल प्रभाव से रोक

    बांग्लादेश में भारतीय वीजा आवेदनों का मुख्य केंद्र ढाका के जमुना फ्यूचर पार्क में स्थित है. IVAC की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि मौजूदा सुरक्षा हालात को देखते हुए दोपहर 2 बजे से सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं. इस फैसले का असर पहले से तय अपॉइंटमेंट वाले हजारों आवेदकों पर भी पड़ा है.

    बांग्लादेश में भारत के कुल 16 इंडियन वीजा एप्लीकेशन सेंटर हैं, जो हर साल लगभग 22 लाख वीजा आवेदनों को प्रोसेस करते हैं. ऐसे में इन केंद्रों का बंद होना दोनों देशों के नागरिकों के आवागमन पर सीधा असर डाल सकता है.

    भारतीय हाई कमीशन की सुरक्षा को लेकर चिंता

    यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब भारत ने बांग्लादेश के हाई कमिश्नर मुहम्मद रियाज हमीदुल्लाह को तलब किया. विदेश मंत्रालय ने ढाका में स्थित भारतीय हाई कमीशन की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है.

    भारत का कहना है कि कुछ चरमपंथी तत्व भारतीय मिशन के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश रच सकते हैं. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत अपने राजनयिक प्रतिष्ठानों और कर्मचारियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा.

    भारत ने उन आरोपों को भी सिरे से खारिज किया है जिनमें कहा गया था कि वह बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है.

    बांग्लादेशी नेता की धमकी से बढ़ा तनाव

    भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव उस वक्त और बढ़ गया जब बांग्लादेश की नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के नेता हसनत अब्दुल्लाह ने भारत को सार्वजनिक मंच से धमकी दी. 15 दिसंबर को एक रैली के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिश की गई, तो उसका जवाब सीमाओं के पार दिया जाएगा.

    उन्होंने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को लेकर भी भड़काऊ बयान दिए और अलगाववादी ताकतों को समर्थन देने जैसी बातें कहीं. इन टिप्पणियों को भारत ने गंभीरता से लिया और इसे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया.

    शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भी तकरार

    तनाव के बीच बांग्लादेश ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग एक बार फिर दोहराई है. बांग्लादेशी अधिकारियों ने भारतीय हाई कमिश्नर को तलब कर इस मुद्दे को औपचारिक रूप से उठाया.

    गौरतलब है कि शेख हसीना पिछले साल अगस्त में सत्ता से हटने के बाद भारत में हैं. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत-बांग्लादेश संबंधों में लगातार तल्खी देखी जा रही है.

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