ताइवान में क्यों तैनात हुआ अमेरिकी F-15EX फाइटर जेट? जिनपिंग के खिलाफ ट्रंप ने संभाला मोर्चा, होगा युद्ध?

    चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने हाल ही में अपनी अत्याधुनिक F-15EX 'Eagle II' फाइटर जेट ताइवान के पास तैनात कर दिया है.

    US F15EX fighter jet deployed in Taiwan Trump Jinping
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने हाल ही में अपनी अत्याधुनिक F-15EX 'Eagle II' फाइटर जेट ताइवान के पास तैनात कर दिया है. इस जेट को जापान के ओकिनावा द्वीप स्थित कडेना एयरबेस पर भेजा गया है, जो ताइवान के बेहद करीब है. यह कदम अमेरिका के इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते खतरों को देखते हुए उठाया गया है और इसे एक प्रमुख शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है.

    F-15EX: ताकतवर और आधुनिक

    F-15EX दुनिया के सबसे ताकतवर और भारी नॉन-स्टील्थ फाइटर विमानों में से एक माना जाता है. इसकी रेंज और भारी हथियारों की क्षमता इसे खास बनाती है. यह विमान अत्याधुनिक सेंसर से लैस है और इसे बड़े पैमाने पर युद्ध की स्थितियों में इस्तेमाल किया जा सकता है. अमेरिका ने इस विमान को तैनात करने का फैसला इसलिए किया है, क्योंकि F-22 रैप्टर और F-35A जैसे स्टील्थ फाइटर जेट्स की योजनाएं अपेक्षाकृत सफल नहीं हो पाईं. साथ ही, पुराने F-15C/D विमानों को बदलने की जरूरत थी.

    कडेना एयरबेस का महत्व

    कडेना एयरबेस को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ताइवान के सबसे करीब स्थित अमेरिकी एयरबेस है. पिछले 44 वर्षों से इस एयरबेस पर F-15C/D जेट्स तैनात थे, जिनकी जगह अब नए F-15EX जेट्स को भेजा जा रहा है. इस बदलाव के साथ, अब अमेरिकी वायुसेना के पास स्थायी रूप से 36 F-15EX विमान तैनात करने की योजना है. ये विमान न केवल अमेरिका की ताकत को बनाए रखने में मदद करेंगे, बल्कि चीन को भी यह संदेश देंगे कि अमेरिका क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है.

    चीन का जवाब: J-20 और 6वीं पीढ़ी के विमानों की तैनाती

    हालांकि F-15EX अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, फिर भी इसे चीन के पांचवीं पीढ़ी के J-20 स्टील्थ फाइटर जेट्स के मुकाबले थोड़ा कमजोर माना जाता है. J-20 विमान की स्टील्थ क्षमता और मारक क्षमता काफी ज्यादा है, जिससे चीन को युद्ध की स्थिति में एक बढ़त मिल सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 के दशक की शुरुआत तक चीन अपनी छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स की तैनाती भी शुरू कर सकता है, जो ताइवान के आस-पास के क्षेत्र में शक्ति संतुलन को और भी प्रभावित कर सकते हैं.

    अमेरिका का रणनीतिक कदम

    F-15EX की तैनाती को अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है. यह कदम जापान और ताइवान को सुरक्षा की गारंटी देने के साथ-साथ चीन को यह संदेश भी देता है कि अमेरिका अब भी इस क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आने वाले वर्षों में अमेरिका और अन्य आधुनिक विमानों के साथ अपनी तैनाती को और बढ़ा सकता है, जिससे चीन को स्पष्ट रूप से चुनौती दी जा सके.

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