11 दिन में उरी का बदला, 12 दिन में पुलवामा का हिसाब... कब होगी पहलगाम के आतंकियों की तेरहवीं?

    आज देश गुस्से में है — हर गली, हर चौक-चौराहे पर एक ही आवाज है: पाकिस्तान को सबक सिखाओ!

    Uri Pulwama Pahalgam terrorists
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    पहलगाम की वादियों में जब निर्दोष हिन्दू तीर्थयात्रियों का लहू बहाया गया, उसी पल भारत ने अपने भीतर उठते तूफान का ऐलान कर दिया. आज देश गुस्से में है — हर गली, हर चौक-चौराहे पर एक ही आवाज है: पाकिस्तान को सबक सिखाओ! भारतीय सेना ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है. नियंत्रण रेखा (LoC) के पार फिर से आतंकी लॉन्चपैड्स सक्रिय हो चुके हैं, और इस बार सेना के इरादे साफ हैं — अब न सिर्फ आतंकी, बल्कि उनके सरपरस्त भी निशाने पर होंगे.

    भारत पहले भी अपनी ताकत का लोहा मनवा चुका है. उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तान को दुनिया के सामने नंगा कर दिया था. अब एक बार फिर सेना कार्रवाई के लिए तैयार है. हालांकि इस बार पाकिस्तान सतर्क है, इसलिए सरप्राइज फैक्टर थोड़ा कम हो सकता है. बावजूद इसके भारतीय सेना के पास एक से बढ़कर एक घातक विकल्प खुले हैं, और जवाब अब पहले से कहीं ज्यादा दर्दनाक हो सकता है.

    पाकिस्तान के लिए चारों तरफ से शिकंजा तैयार

    सिर्फ सीमा पार कार्रवाई नहीं, इस बार भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर भी वार शुरू कर दिया है. सिंधु जल संधि पर रोक लगाने का फैसला पाकिस्तान के लिए जीवनरेखा पर हमला है. पानी के बिना पाकिस्तान की तबाही निश्चित है. इसके साथ ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने की योजना को गति दी है. यानी इस बार गोली भी चलेगी और गला भी दबाया जाएगा.

    घुसपैठ के दरवाजे तोड़ने का वक्त

    पाकिस्तान संघर्षविराम की आड़ में आतंकियों को धकेलने की नापाक कोशिशें कर रहा है. लेकिन अब विशेषज्ञों का साफ कहना है — सीजफायर की औपचारिकता खत्म करो और सीधे आतंकी लॉन्चपैड्स पर हमला करो. हाल के दिनों में पाकिस्तान की तरफ से लगातार LoC पर फायरिंग हो रही है और भारतीय सेना ने उसका जवाब बारूद से दिया है. अब बात जवाब देने की नहीं, जड़ से उखाड़ फेंकने की है.

    देश के भीतर भी सफाई जरूरी

    जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के ‘ओवर ग्राउंड वर्कर्स’ (OGWs) की रीढ़ तोड़ना अब सर्वोच्च प्राथमिकता है. ये वे गद्दार हैं जो आतंकियों को पनाह, हथियार और जानकारी मुहैया कराते हैं. भारतीय सेना ने हाल के दिनों में कई OGWs को गिरफ्तार कर नेटवर्क को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. जब तक इनका सफाया नहीं होगा, तब तक आतंक की जड़ें सूखेंगी नहीं.

    अब इंतजार किस बात का?

    देश पूछ रहा है — उरी के बाद 11 दिन में बदला लिया गया था, पुलवामा के बाद 12 दिन में. तो पहलगाम के नरसंहारियों का हिसाब कब चुकता होगा? सरकार और सेना दोनों ने संकेत दे दिए हैं — इस बार भी चुप्पी नहीं होगी, बदला लिया जाएगा. जल्द ही उन दरिंदों की 'तेरहवीं' होगी जिन्होंने भारत के जख्मों पर नमक छिड़कने की कोशिश की थी. और इस बार हिसाब इतना भयानक होगा कि दुश्मन सदियों तक कांपेगा.

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