UP News: उत्तर प्रदेश पुलिस को नया नेतृत्व मिल चुका है, और साथ ही उम्मीदों की एक नई लहर भी. राजीव कृष्णा ने प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) का पद संभालते ही स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अब अपराध, भ्रष्टाचार और लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं होगी. अपने पहले ही बयान में उन्होंने प्रदेशवासियों को यह भरोसा दिलाया कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को सख्ती से लागू किया जाएगा.
महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता
राजीव कृष्णा ने खास तौर पर महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को अपनी रणनीति का केंद्र बताया. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा केवल कानून व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास से जुड़ा मुद्दा है. आने वाले समय में महिला सुरक्षा को लेकर कई प्रभावी और समाधान-उन्मुख कदम उठाए जाएंगे.
शिकायतों पर संवेदनशीलता से कार्रवाई
नए डीजीपी ने जन शिकायतों की त्वरित और संवेदनशील सुनवाई को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया है. उनका मानना है कि जनता की बात सुनी जाए, तभी पुलिस पर विश्वास मजबूत होता है. इसके लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) को और बेहतर और जवाबदेह बनाया जाएगा.
साइबर अपराध पर भी होगी सख्ती
बढ़ते साइबर अपराधों को गंभीर चुनौती मानते हुए राजीव कृष्णा ने संकेत दिया कि अब डिजिटल अपराधियों पर भी शिकंजा कसेगा. उन्होंने टेक्नोलॉजी के स्मार्ट और रचनात्मक इस्तेमाल का भरोसा दिलाया. DGP ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स को भविष्य का “गेम चेंजर” बताया. उन्होंने कहा कि तकनीक के जरिए अपराध रोकथाम से लेकर पुलिस सेवाओं को अधिक नागरिक-केंद्रित बनाया जाएगा.
कौन हैं यूपी के नए डीजीपी?
राजीव कृष्ण का जन्म 20 जून 1969 को लखनऊ में हुआ. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और 1991 में यूपीएससी पास करके भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए.
उनकी प्रोफेशनल यात्रा भी उल्लेखनीय रही है. 1995 में सीनियर स्केल में प्रमोशन, फिर 2007 में डीआईजी, 2010 में आईजी और 2016 में एडीजी के पद पर पदोन्नति. फरवरी 2024 में उन्हें डीजी के पद पर प्रमोट किया गया.
हाईटेक पुलिसिंग के एक्सपर्ट
राजीव कृष्ण को तेज-तर्रार और तकनीक में दक्ष अधिकारी माना जाता है. आगरा के एसएसपी रहते उन्होंने बीहड़ों में चल रहे अपहरण गैंग्स पर सख्त कार्रवाई की थी. एडीजी रहते उन्होंने ऑपरेशन पहचान ऐप लॉन्च कर अपराधियों की पहचान और निगरानी को स्मार्ट बनाया. महिला सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड और महिला बीट की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी उन्हीं की पहल थी. साइबर क्राइम कंट्रोल में भी उन्होंने तकनीकी नवाचारों के ज़रिए उल्लेखनीय योगदान दिया.
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