लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने विधायकों के लिए विकास निधि संबंधी नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य अपनी विधानसभा क्षेत्र विकास निधि से 2.50 लाख रुपये तक के लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर खरीद सकते हैं. इससे पहले यह सीमा 1.25 लाख रुपये तक ही थी. योगी सरकार ने इस खर्च की अधिकतम सीमा को दोगुना कर दिया है, जिससे विधायकों को तकनीकी उपकरणों की खरीद में अधिक सुविधा मिलेगी.
पहले की व्यवस्था क्या थी?
पहले जारी आदेश के तहत उत्तर प्रदेश के विधायक और विधान परिषद सदस्य अपनी विकास निधि से इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन से न्यूनतम दरों पर 1.25 लाख रुपये तक के लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर खरीद सकते थे. इस सीमा के कारण कई बार विधायकों को बेहतर तकनीकी उपकरण खरीदने में परेशानी होती थी.
नया आदेश और इसके बदलाव
सरकार ने हाल ही में आदेश में संशोधन करते हुए इस सीमा को बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये कर दिया है. यह संशोधन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित मिड-रेंज या उससे अधिक विशेषताओं वाले उपकरणों की खरीद के मद्देनजर किया गया है. अब विधायक और विधान परिषद सदस्य दोनों इस नई सीमा के तहत बेहतर गुणवत्ता वाले डिजिटल उपकरण खरीद सकेंगे.
क्यों है यह कदम महत्वपूर्ण?
डिजिटल युग में तकनीकी उपकरणों की गुणवत्ता और क्षमताएं तेजी से बढ़ रही हैं. इस बदलाव से विधायकों को बेहतर संसाधन मिलेंगे, जिससे वे अपने क्षेत्र के विकास कार्यों में और प्रभावी भूमिका निभा सकेंगे. साथ ही, यह कदम सरकारी कार्यों की डिजिटलीकरण प्रक्रिया को भी गति देगा.
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