UNSC में आधी रात हुई मीटिंग, पाकिस्तान की खूब हुई बेइज्जती; जयशंकर ने कर दिया कमाल!

    यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने दोनों परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों के बीच हालात को ‘बीते कई वर्षों के मुकाबले सबसे तनावपूर्ण’ बताया है.

    UNSC midnight meeting Pakistan Jaishankar
    एस जयशंकर | Photo: ANI

    भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक महत्वपूर्ण बंद कमरे की बैठक आयोजित की गई है. यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने दोनों परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों के बीच हालात को ‘बीते कई वर्षों के मुकाबले सबसे तनावपूर्ण’ बताया है.

    पाकिस्तान, जो इस समय यूएनएससी का अस्थायी सदस्य है, ने इस बैठक की मांग की थी. मई महीने की अध्यक्षता यूनान के पास है, जिसने 5 मई को दोपहर के समय यह बैठक तय की. यह बैठक सामान्य सुरक्षा परिषद चैंबर में नहीं, बल्कि उसके बगल के एक कंसल्टेशन रूम में की गई – जो कि बैठक के अनौपचारिक और गैर-निर्णयात्मक स्वरूप को दर्शाता है.

    आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति

    विशेष बात यह है कि इस बैठक में भारत को कोई सीधा प्रतिनिधित्व नहीं मिला, क्योंकि इस साल वह यूएनएससी का सदस्य नहीं है. दूसरी ओर पाकिस्तान और चीन के अलावा बाकी 13 सदस्यों का रुख भारत के समर्थन में है. माना जा रहा है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति ने दुनिया के अधिकांश देशों को भारत के पक्ष में खड़ा कर दिया है.

    गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. इस हमले में एक विदेशी नागरिक सहित 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिसने वैश्विक समुदाय को झकझोर कर रख दिया. यूएन महासचिव गुतारेस ने इस घटना और उसके बाद उपजे हालात पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में इतना तनाव पहले बहुत कम देखा गया है और यह स्थिति बेहद दुखद है.

    सुरक्षा परिषद की संरचना

    यूएनएससी में 15 सदस्य होते हैं – जिनमें 5 स्थायी (चीन, अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन) और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं. इस समय अस्थायी सदस्य हैं: अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गुयाना, पाकिस्तान, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया. जहां पाकिस्तान को सदस्यता के कारण मंच मिला, वहीं भारत की गैरमौजूदगी के बावजूद उसके पक्ष में आवाजें बुलंद हुईं. यही कारण है कि यह बैठक केवल औपचारिक चर्चा भर बनकर रह गई और किसी निर्णायक दिशा में नहीं जा सकी.

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