Ukraine attack on Russia: आज सुबह 4:44 बजे, जब दुनिया सो रही थी, यूक्रेन ने रूस के खिलाफ एक ऐसी चाल चली, जिसने क्रेमलिन को सकते में डाल दिया. यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने समुद्र के भीतर से ऑपरेट कर क्राइमिया ब्रिज पर सटीक हमला किया. यह वही पुल है जो रूस को क्रीमिया से जोड़ता है और वर्षों से रूस की सैन्य आपूर्ति का मुख्य ज़रिया बना हुआ है.
कैसे अंजाम दिया गया मिशन?
यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस मिशन की तैयारी महीनों से की जा रही थी. SBU के विशेष एजेंटों ने समंदर में मौजूद पुल की अंडरवाटर पिलर्स में करीब 1,100 किलो TNT के बराबर विस्फोटक फिट किए थे, जिसे तय समय पर डिटोनेट किया गया. हमले के बाद ब्रिज की संरचना को गहरा नुकसान पहुंचा है और इसे ‘क्रिटिकल कंडीशन’ में बताया जा रहा है.
There are enough cards ♦️♥️♠️♣️ that 🇺🇦 has! I am sure the 🃏 is still waiting for its turn to come to the playing table!
— Harri_EST🇪🇪🇺🇦 (@Harri_Est) June 3, 2025
Ukraine's SBU after yesterdays drone operation deep inside 🇷🇺, has now struck Kerch bridge in occupied Crimea in a months-long operation. SBU agents "mined… pic.twitter.com/XGizHNOr0J
क्यों इतना अहम है क्राइमिया ब्रिज?
रूस और कब्ज़ा किए गए क्रीमिया को जोड़ने वाला यह पुल, जिसे केर्च ब्रिज भी कहा जाता है, सिर्फ एक सड़क मार्ग नहीं बल्कि रूस की सैन्य और राजनीतिक पहचान भी है. 19 किमी लंबा यह पुल न केवल रूस की दक्षिणी सैन्य आपूर्ति लाइन है, बल्कि इसे पुतिन की 'अधिपत्य की महत्वाकांक्षा' का प्रतीक माना जाता है. यूक्रेन इस पुल को पहले भी दो बार निशाना बना चुका है — अक्टूबर 2022 और जुलाई 2023 में — लेकिन इस बार किया गया हमला तकनीकी रूप से अधिक परिष्कृत और प्रभावशाली माना जा रहा है.
रूस की चुप्पी, अफरा-तफरी के संकेत
यूक्रेनी एजेंसियों का दावा है कि इस हमले में कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, और यह कार्रवाई पूरी तरह सैन्य उद्देश्य के लिए की गई. रूस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रेस बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय रूसी मीडिया और टेलीग्राम चैनलों पर भारी ट्रैफिक जाम, भगदड़ और तनाव की खबरें तैर रही हैं. इस ऑपरेशन ने एक बार फिर दिखा दिया है कि यूक्रेन केवल मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि रणनीतिक दिमाग से भी युद्ध लड़ रहा है.
यह भी पढ़ें: रूस को क्यों कहा जाता है मिलिट्री सुपरपावर? वजह हैं वो खतरनाक हथियार, जिनसे आज भी खौफ खाता है अमेरिका