रूस-यूक्रेन के बीच तुर्की की एंट्री, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ाने वाले एर्दोगन के पास क्यों पहुंचे पुतिन?

    पुतिन ने कहा कि वह 2022 में तुर्की में शुरू हुई वार्ता प्रक्रिया को फिर से सक्रिय करना चाहते हैं, जो बाद में अमेरिकी प्रभाव के चलते बाधित हो गई थी.

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    पुतिन-एर्दोगन | Photo: ANI

    रूस-यूक्रेन युद्ध के दो साल पूरे होने को हैं और हालात अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं. इसी बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर युद्धविराम की ओर पहल करते हुए 15 मई को इस्तांबुल में बिना किसी पूर्व शर्त के यूक्रेन से सीधी वार्ता का प्रस्ताव रखा है.

    रविवार को क्रेमलिन में प्रेस को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि वह 2022 में तुर्की में शुरू हुई वार्ता प्रक्रिया को फिर से सक्रिय करना चाहते हैं, जो बाद में अमेरिकी प्रभाव के चलते बाधित हो गई थी.

    क्या फिर जिंदा होगी शांति की उम्मीद?

    खबरों के अनुसार, अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की वापसी के बाद रूस और यूक्रेन के बीच सऊदी अरब के जेद्दा में बातचीत का नया दौर शुरू हुआ. इसके बाद दोनों पक्षों ने 30 दिन का अस्थायी युद्धविराम घोषित किया.

    पुतिन की नई पहल को तुर्की के जरिए एक स्थायी युद्धविराम समझौते की दिशा में कदम माना जा रहा है — खास तौर पर ऐसे समय में जब अमेरिका और यूरोप की भूमिका को लेकर यूक्रेन के भीतर और बाहर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

    तुर्की की भूमिका सवालों के घेरे में

    हालांकि, तुर्की की इस प्रक्रिया में भूमिका को लेकर संदेह भी जताए जा रहे हैं. भारत-पाकिस्तान के मौजूदा तनाव के बीच तुर्की राष्ट्रपति एर्दोगन की नीतियां आलोचना का विषय बनी हुई हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की पाकिस्तान को भारत के खिलाफ ड्रोन्स और घातक हथियारों की आपूर्ति कर रहा है, जिससे उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं.

    फ्रांस और अमेरिका की रणनीति

    युद्धविराम की घोषणा के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के नेतृत्व में यूरोपीय देश इस युद्धविराम की कड़ी निगरानी करेंगे. यदि रूस की ओर से उल्लंघन होता है, तो उस पर कड़े प्रतिबंधों की चेतावनी भी दी गई है.

    वहीं, यूक्रेन में अमेरिका के विशेष दूत रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कीथ केलॉग ने बताया कि यह प्रस्ताव स्थल, समुद्र और वायु सभी क्षेत्रों में युद्धविराम की बात करता है, जिससे यह संघर्ष के स्थायी समाधान की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

    अभी भी जारी हैं हमले

    इन कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद, मौजूदा हालात पूरी तरह स्थिर नहीं हैं. यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि सुमी और खेरसॉन जैसे क्षेत्रों में रूसी गोलाबारी और ड्रोन हमले जारी हैं. शनिवार को खेरसॉन में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई.

    कीव स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी नागरिकों को आगाह किया है कि आने वाले दिनों में रूस की ओर से हवाई हमले की आशंका बनी हुई है. इससे यह साफ होता है कि जमीनी हकीकत और राजनयिक प्रयासों के बीच अब भी गहरी खाई है.

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