अपने ही लैपटॉप में क्यों आग लगा रहे लोग? आंखों पर नहीं होगा यकीन, जानिए कितना खतरनाक

    इस चैलेंज में बच्चे अपने लैपटॉप या क्रोमबुक के चार्जिंग पोर्ट में जानबूझकर पेंसिल की लीड, फॉइल पेपर या कागज के टुकड़े डालते हैं.

    Why laptops on fire how dangerous
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    सोशल मीडिया पर लाइक्स और व्यूज़ की दौड़ में अब बच्चों की सुरक्षा भी दांव पर लगने लगी है. हर दिन इंटरनेट पर कोई न कोई नया चैलेंज ट्रेंड करता है, लेकिन इस बार जो ट्रेंड वायरल हो रहा है, वह न सिर्फ खतरनाक है बल्कि जानलेवा भी साबित हो रहा है. इस नए ट्रेंड का नाम है – #ChromebookChallenge यानी #क्रोमबुकचैलेंज, जिसमें बच्चे अपने ही लैपटॉप को जला देने वाला स्टंट कर रहे हैं.

    क्या है ये ‘क्रोमबुक चैलेंज’?

    इस चैलेंज में बच्चे अपने लैपटॉप या क्रोमबुक के चार्जिंग पोर्ट में जानबूझकर पेंसिल की लीड, फॉइल पेपर या कागज के टुकड़े डालते हैं. ऐसा करते ही चार्जर में शॉर्ट सर्किट हो जाता है, जिससे लैपटॉप में आग लग जाती है और वहां से जहरीला धुआं निकलने लगता है. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहां यह सब सिर्फ एक चैलेंज के लिए किया जा रहा है.

    स्कूलों में भी पहुंचा खतरा

    अमेरिका के कनेक्टिकट स्थित न्यूइंगटन हाई स्कूल में इस ट्रेंड की वजह से एक क्लासरूम पूरी तरह धुएं से भर गया. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, शहर के फायर मार्शल डीजे ज़ोरडोन ने बताया कि इस ट्रेंड से फायर ब्रिगेड को बार-बार स्कूल बुलाया जा रहा है, क्योंकि लैपटॉप की बैटरी बेहद संवेदनशील होती है और थोड़ी सी छेड़छाड़ से तुरंत आग पकड़ सकती है.

    कई राज्यों में बढ़ी घटनाएं

    इस खतरनाक ट्रेंड से जुड़े केस अमेरिका के कैलिफोर्निया, न्यू जर्सी, विस्कॉन्सिन, वॉशिंग्टन, पेनसिलवेनिया और रोड आइलैंड जैसे राज्यों से सामने आ चुके हैं. चिंता की बात यह है कि इसमें हिस्सा लेने वाले अधिकांश बच्चे किशोर वर्ग के हैं, जो बिना सोचे-समझे इसे एक “मजेदार स्टंट” मानकर ट्राय कर रहे हैं.

    टिकटॉक और सोशल मीडिया पर आलोचना

    टिकटॉक की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच 99.7% खतरनाक कंटेंट को हटा दिया गया था. बावजूद इसके, सोशल मीडिया पर अब भी #ChromebookChallenge से जुड़े वीडियो वायरल हो रहे हैं. विशेषज्ञों और अभिभावकों का कहना है कि ऐसे कंटेंट को प्लेटफॉर्म से सख्ती से हटाया जाना चाहिए, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

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