Israel and Syria: हाल ही में इजरायल द्वारा सीरिया के राष्ट्रपति भवन पर किए गए हमले ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को फिर से चौंका दिया. इस हमले में सीरिया के पांच सुरक्षा बलों के जवान मारे गए थे. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने इस हमले के संदर्भ में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नीतियों पर कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें "पागल" तक करार दिया. उनका कहना था कि नेतन्याहू "हर चीज पर बमबारी करते रहते हैं," और ऐसा रवैया पूरी दुनिया के लिए खतरनाक हो सकता है.
सीरिया पर इजरायली हमले का सिलसिला जारी
सीरिया की राजधानी दमिश्क में इजरायल द्वारा किए गए हमले अब एक नियमित घटना बन चुके हैं. कुछ समय पहले ही, इजरायल ने दक्षिण सीरिया में सरकारी बलों को निशाना बनाते हुए एक और हमला किया था. इसके अलावा, गाजा पट्टी के होली फैमिली कैथोलिक चर्च पर भी इजरायल ने हमला किया, जिसमें तीन लोग मारे गए और दस से अधिक घायल हुए. इस हमले ने पूरी दुनिया में आलोचनाओं का तूफान खड़ा कर दिया था.
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया: नेतन्याहू पर बढ़ते संदेह
व्हाइट हाउस के अधिकारी ने इजरायली प्रधानमंत्री के आक्रामक हमलों पर नाराजगी जताते हुए उन्हें "मैड मैन" की तरह काम करने वाला बताया. अधिकारी ने यह भी कहा कि नेतन्याहू के इस तरह के कार्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए जा रहे प्रयासों में रुकावट डाल सकते हैं. उन्होंने इजरायल की बमबारी को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह क्षेत्रीय अस्थिरता को और बढ़ा सकता है, खासकर जब ट्रंप प्रशासन शांति की दिशा में काम कर रहा है.
ट्रंप ने गाजा चर्च हमले पर किया नेतन्याहू से स्पष्टीकरण
गाजा चर्च पर हमले के बाद, ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और उनसे हमले का स्पष्टीकरण मांगा. नेतन्याहू ने इसे "गलती" बताते हुए कहा कि टैंक का एक गोला हादसे से चर्च पर गिरा था और उनका हमला करने का कोई उद्देश्य नहीं था. उन्होंने इस घटना में निर्दोष लोगों के मारे जाने पर दुख भी व्यक्त किया. हालांकि, व्हाइट हाउस के अधिकारी इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं थे और इजरायली प्रधानमंत्री के कार्यों पर संदेह बढ़ता जा रहा था.
नेतन्याहू के आक्रामक रवैये से ट्रंप प्रशासन चिंतित
व्हाइट हाउस में नेतन्याहू के बारे में अब अधिक संदेह और चिंता दिखाई दे रही है. एक अधिकारी ने बताया कि इजरायली प्रधानमंत्री बहुत अधिक चिड़चिड़े और क्षेत्रीय मामलों में हस्तक्षेप करने वाले दिख रहे हैं. हालांकि, ट्रंप ने कभी भी सार्वजनिक रूप से नेतन्याहू की आलोचना नहीं की. इसके बजाय, वह उन्हें एक मजबूत सहयोगी के रूप में देखते हैं और दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर सकारात्मक बयान देते रहे हैं.
अमेरिका का युद्धविराम प्रयास
इजरायली हमलों के बावजूद, अमेरिका ने सीरिया और इजरायल के बीच तनाव को कम करने की कोशिश की है. तुर्की में अमेरिकी राजदूत ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की, ताकि हिंसा को रोका जा सके. हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने नेतन्याहू और उनकी क्षेत्रीय नीतियों को लेकर चिंता जाहिर की है, जो शांति प्रयासों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं.
ट्रंप-नेतन्याहू का अटूट गठबंधन
हालांकि व्हाइट हाउस के अधिकारी नेतन्याहू की नीतियों से चिंतित हैं, ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से उन्हें आलोचना नहीं की है. दरअसल, इजरायली प्रधानमंत्री ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रंप की सराहना की और दोनों देशों के बीच अटूट गठबंधन की बात की. इतना ही नहीं, नेतन्याहू ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामित किया, जो उनके रिश्तों की मजबूती को और स्पष्ट करता है. यहां तक कि इजरायल की आक्रामक नीतियों के बावजूद, दोनों नेताओं के बीच दोस्ती में कोई खलल नहीं पड़ा है. हालांकि, जैसे-जैसे सीरिया और अन्य क्षेत्रों में तनाव बढ़ता जा रहा है, यह सवाल उठता है कि क्या इजरायली प्रधानमंत्री का आक्रामक रवैया क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरे का कारण बन सकता है.
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