वॉशिंगटन/कीव: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ अधिक आक्रामक रणनीति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है. फाइनेंशियल टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने हाल ही में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर हुई बातचीत में यह तक पूछा कि अगर अमेरिका लंबी दूरी की मिसाइलें उपलब्ध कराए, तो क्या यूक्रेन मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग जैसे अहम रूसी शहरों को निशाना बना सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार, यह वार्ता 4 जुलाई को हुई थी, जिसमें ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि वह रूस पर उस स्तर का दबाव बनाना चाहते हैं, जिससे उसे शांति समझौते के लिए मजबूर होना पड़े. यह बयान इस ओर इशारा करता है कि ट्रंप की रूस नीति में अब सख्ती बढ़ रही है – जो उनकी पूर्ववर्ती नरम छवि के उलट है.
नीतियों में बदलाव: अब रूस के प्रति कड़ा रुख
ट्रंप की यह बातचीत ऐसे समय सामने आई है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए अमेरिका की सक्रिय भूमिका की प्रतीक्षा कर रहा है. आरंभ में ट्रंप पर रूस के प्रति सहानुभूति रखने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन अब उनके हालिया रुख में बदलाव स्पष्ट नजर आता है.
नाटो महासचिव मार्क रूटे के साथ ओवल ऑफिस में हुई बैठक के दौरान ट्रंप ने रूस को आर्थिक दंड और प्रतिबंधों की चेतावनी भी दी. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि युद्ध जारी रहता है तो मास्को को आर्थिक मोर्चे पर भारी कीमत चुकानी होगी.
अमेरिकी ATACMS और टॉमहॉक की चर्चा
वॉशिंगटन पोस्ट की 14 जुलाई की रिपोर्ट बताती है कि ट्रंप ने यूक्रेन को 300 किलोमीटर तक मार करने वाली ATACMS मिसाइलों के उपयोग की स्वीकृति दे दी है. इसके अतिरिक्त, अमेरिका अब टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें देने पर भी विचार कर रहा है — जो मास्को जैसे गहरे लक्ष्यों तक पहुंच सकती हैं.
हालांकि टॉमहॉक मिसाइलें फिलहाल के $10 अरब सहायता पैकेज का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन अगर ट्रंप रूस पर दबाव बढ़ाने का फैसला लेते हैं, तो इन हथियारों को भी भविष्य में शामिल किया जा सकता है. इस मुद्दे पर अभी अमेरिका में नीतिगत चर्चाएं जारी हैं.
यूरोप और यूक्रेन ने लिया राहत का संदेश
ट्रंप के इस रुख को यूरोपीय सहयोगी देशों और कीव ने राहत की भावना से देखा है. यूक्रेन लंबे समय से अमेरिका से ज्यादा ठोस समर्थन और रूस पर दबाव की मांग करता आ रहा है. अब जब ट्रंप एक स्पष्ट रणनीतिक दिशा दिखा रहे हैं, तो उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका की भूमिका इस संघर्ष में निर्णायक बन सकती है.
व्हाइट हाउस की चुप्पी, लेकिन संकेत साफ़ हैं
अब तक व्हाइट हाउस या ट्रंप अभियान की ओर से इन रिपोर्टों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. फिर भी, इन खबरों ने वैश्विक राजनीति में हलचल जरूर पैदा की है. ट्रंप की बदली हुई रणनीति और उनकी कथित योजना यदि साकार होती है, तो यह यूक्रेन-रूस युद्ध के अगले चरण को गहराई से प्रभावित कर सकती है.
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