रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध किसी तरह की राहत की तरफ बढ़ता नहीं दिख रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीच-बचाव और शांति स्थापित करने के प्रयास किए, लेकिन उनकी पहल का फिलहाल कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल पाया है. 30 अगस्त की रात रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमलों की झड़ी लगा दी, जिसे यूक्रेनी वायु सेना ने भी स्वीकार किया है. इस हमले के दौरान ज़ापोरिझिया, ड्नीप्रो, चेर्निहिव, लुत्स्क और चेरकासी जैसे कई प्रमुख शहरों में धमाकों की गूंज सुनाई दी.
युद्ध के मोर्चे पर रूस ने फ्रंटलाइन क्षेत्रों में क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जबकि पश्चिमी हिस्सों में ड्रोन हमलों की खबरें भी मिल रही हैं. इस हमले ने साबित कर दिया कि रूसी फौजें पूरी ताकत से हमले बंद करने को तैयार नहीं हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रयास और युद्ध की सच्चाई
डोनाल्ड ट्रंप ने दो बार सीजफायर की घोषणा कर शांति का मार्ग बनाने की कोशिश की, लेकिन दोनों बार ये प्रयास विफल साबित हुए. रूस की ओर से लगातार हवाई हमलों का सिलसिला जारी है, जबकि यूक्रेन भी कोई समझौता करने को तैयार नहीं है. वहीं यूरोपीय देशों के बयान और प्रतिक्रिया युद्ध की ज्वाला में और इंधन का काम कर रहे हैं. हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा दिए गए कड़े बयान पर रूस ने कड़ा विरोध जताया है.
लगातार जारी हैं रूसी मिसाइल हमले
28 अगस्त को कीव पर हुए विनाशकारी हमले के बाद रूस ने 30 अगस्त की सुबह पूर्वी यूक्रेनी शहर ड्नीप्रो में भी कई धमाके किए. ज़ापोरिझिया में एक रिहायशी इमारत पर हमला हुआ, जिसमें कम से कम तीन नागरिक घायल हो गए. रूस ने सुबह लगभग पांच बजे पूर्वी शहरों पर एक बार फिर मिसाइलें दागीं और यूक्रेन के लगभग सभी इलाकों में हवाई हमले की चेतावनी जारी की.
28 अगस्त के हमले में 25 नागरिकों की मौत हो गई थी और 63 से अधिक लोग घायल हुए थे. इन घटनाओं के बीच, रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता ठंडे बस्ते में चली गई है. रूस ने साफ कर दिया है कि वह यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के शांति प्रस्तावों को स्वीकार नहीं करेगा, जबकि यूक्रेन सुरक्षा गारंटी को अंतिम रूप देने की तैयारी में जुटा है.
फ्रांस के मैक्रों के बयान पर रूस का तीखा विरोध
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए तीखी टिप्पणी की थी, जिसे रूस ने आपत्तिजनक और अपमानजनक करार दिया है. मैक्रों ने यूरोपीय नेताओं को पुतिन पर भरोसा न करने की सलाह दी और उनकी तुलना एक ऐसे “राक्षस” से की जो लगातार “खाता” रहता है. साथ ही पुतिन को शिकारी बताते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि उनसे सावधान रहना चाहिए.रूस के विदेश मंत्रालय ने इस टिप्पणी को राष्ट्रीय सम्मान का हनन बताया और कहा कि ऐसी भाषा किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के लिए अपमानजनक और अस्वीकार्य है.
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