अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने एक बयान में उन देशों का जिक्र किया है, जो अमेरिका के सामने सरेंडर करने के लिए तैयार हो गए हैं. ट्रंप ने कहा कि जब से उन्होंने टैरिफ की घोषणा की है, कई देशों के नेता उनके सामने 'किसिंग माय ऐस' (किसी के सामने झुकने) में लगे हुए हैं. यह शब्द इस्तेमाल करते हुए ट्रंप ने यह संकेत दिया कि इन देशों ने अमेरिकी टैरिफ के सामने झुकने का फैसला किया है.
वियतनाम ने बदली स्थिति
ट्रंप ने यह भी कहा कि वियतनाम पहले इस मामले को लेकर आपत्ति उठा रहा था, लेकिन टैरिफ लागू होते ही उसने अपनी स्थिति बदल ली और अब वह सामान्य हो गया है. उन्होंने यह भी बताया कि वह कई देशों को देख रहे हैं, जो अब अमेरिका के सामने झुकने की स्थिति में हैं, लेकिन उन्होंने इन देशों का नाम नहीं लिया.
अब तक बांग्लादेश, वियतनाम और जापान जैसे देशों ने सार्वजनिक तौर पर अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ समझौता करने की बात कही है. बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर यूनुस ने ट्रंप को पत्र लिखकर कहा है कि वे सभी शर्तों को मानने के लिए तैयार हैं, बस उन पर टैरिफ ना लगाया जाए. इसके अलावा जापान और ताइवान ने भी टैरिफ को लेकर छूट की मांग की है.
जॉर्जिया मेलोनी भी बना रहीं योजना
इसी बीच, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी भी अमेरिका दौरे पर जाने की योजना बना रही हैं, ताकि वह अपने देश के लिए टैरिफ से राहत प्राप्त कर सकें. इटली की प्रधानमंत्री ने ट्रंप के टैरिफ योजना की सराहना भी की है, और इजराइल ने भी इस मामले में नरम रुख अपनाया है.
इस टैरिफ वार का असर वैश्विक बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है. भारत के शेयर बाजार में बुधवार को सेंसेक्स 250 अंक गिरा, जबकि निफ्टी का हाल भी खराब रहा. विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के टैरिफ फैसले से जानबूझकर दुनियाभर के बाजारों में गिरावट आ रही है, और उनका कहना है कि इस फैसले से अमेरिका की आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाएगी.
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