भारत पर और टैरिफ लगाएंगे ट्रंप? अमेरिकी वित्त मंत्री के बयान से मची हलचल, जानिए पूरा मामला

    Scott Bessent On India: रूस-यूक्रेन युद्ध के तीसरे वर्ष में प्रवेश करते ही अंतरराष्ट्रीय नीतिगत समीकरण और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं. अमेरिका अब केवल सीधे तौर पर रूस पर नहीं, बल्कि उन देशों पर भी कार्रवाई के मूड में है जो रूस के साथ तेल व्यापार बनाए हुए हैं.

    Will Trump impose more tariffs on India US Finance Minister statement created a stir
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    Scott Bessent On India: रूस-यूक्रेन युद्ध के तीसरे वर्ष में प्रवेश करते ही अंतरराष्ट्रीय नीतिगत समीकरण और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं. अमेरिका अब केवल सीधे तौर पर रूस पर नहीं, बल्कि उन देशों पर भी कार्रवाई के मूड में है जो रूस के साथ तेल व्यापार बनाए हुए हैं. अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने स्पष्ट कर दिया है कि यह लड़ाई अब आर्थिक मोर्चे पर निर्णायक साबित होगी.

    भारत, जो अभी भी रूस से तेल खरीद रहा है, पहले से ही 25% अतिरिक्त टैरिफ झेल रहा है. लेकिन अब यह दर बढ़कर 50% तक पहुंच गई है, जो विश्व स्तर पर किसी भी देश पर लागू सबसे कठोर शुल्कों में गिनी जा रही है. अमेरिका का मानना है कि यह “अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध को वित्तीय समर्थन देना” है.

    यूरोपीय सहयोग की दरकार

    NBC न्यूज से बातचीत में बेसेंट ने कहा, "हम रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन इसके लिए हमें यूरोप के सहयोग की आवश्यकता है." उनका इशारा स्पष्ट था, ट्रेड बेस्ड स्ट्रेटेजी अब केवल अमेरिका की नहीं रहेगी, बल्कि एक बहुपक्षीय रणनीति का हिस्सा बनेगी.

    बेसेंट के अनुसार, जो देश रूस से तेल खरीदना जारी रखते हैं, उन्हें अब द्वितीयक टैरिफ (secondary tariffs) का सामना करना पड़ सकता है. इससे न केवल रूस की अर्थव्यवस्था पर चोट पहुंचेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक कड़ा संदेश जाएगा.

    तेल के ज़रिए वित्तपोषण का आरोप

    अमेरिकी प्रशासन का तर्क है कि रूस से तेल खरीदना, चाहे रियायती दरों पर ही क्यों न हो, रूस को युद्ध जारी रखने की आर्थिक ताकत देता है. भारत जैसे देशों को इससे दूर रहने की सलाह दी गई थी, लेकिन भारत ने अपने ऊर्जा हितों को प्राथमिकता दी. परिणामस्वरूप, अमेरिका ने टैरिफ में बढ़ोतरी करके स्पष्ट राजनीतिक संदेश भेजा है.

    सबसे बड़ा हवाई हमला और कूटनीतिक गतिरोध

    बेसेंट का यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस ने युद्ध शुरू होने के बाद का सबसे व्यापक हवाई हमला किया था. इसके तुरंत बाद अलास्का में ट्रंप-पुतिन की मुलाकात हुई, जिसके बाद ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है. वार्ता एक बार फिर स्थगित हो चुकी है.

    सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ पर कानूनी लड़ाई

    अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ को लेकर भी एक कानूनी लड़ाई जारी है. एक सर्किट कोर्ट ने राष्ट्रपति द्वारा लागू किए गए टैरिफ नियमों को चुनौती दी थी, लेकिन बेसेंट ने इस फैसले को पलटने के लिए ट्रंप प्रशासन की याचिका का समर्थन किया है. उन्होंने विश्वास जताया कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार की जीत होगी, जिससे भविष्य में और भी कठोर आर्थिक निर्णय लिए जा सकें.

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