'नाटक से नहीं होती शांति...', रूस यूक्रेन जंग पर पुतिन ने ट्रंप को सुनाई खरी-खरी

    वैश्विक राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. रूस और अमेरिका के बीच चल रही खींचतान अब सार्वजनिक मंचों पर तीखे बयानों में तब्दील होती जा रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बयानबाजी से यह साफ है कि दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी फिर उभर रही है.

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    वैश्विक राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. रूस और अमेरिका के बीच चल रही खींचतान अब सार्वजनिक मंचों पर तीखे बयानों में तब्दील होती जा रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बयानबाजी से यह साफ है कि दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी फिर उभर रही है.

    दरअसल, हाल ही में रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने एक भड़काऊ टिप्पणी की, जिस पर ट्रंप ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अंतरराष्ट्रीय मंच पर शब्दों का चयन बेहद अहम होता है, क्योंकि उनके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं. उम्मीद करता हूं कि ऐसी भाषा दोबारा न दोहराई जाए.” ट्रंप का यह बयान कूटनीतिक गलियारों में अमेरिका की सख्त चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है.

    पुतिन ने किया पलटवार, ‘ड्रामे से शांति नहीं आती’

    ट्रंप की प्रतिक्रिया के बाद पुतिन ने भी चुप्पी तोड़ी और दो टूक कहा कि “कैमरे के सामने नाटक कर लेने से शांति स्थापित नहीं होती. इसके लिए चुपचाप गंभीर प्रयास करने होते हैं.” उन्होंने यह बात अमेरिका की सार्वजनिक कूटनीति की आलोचना करते हुए कही. पुतिन के इस बयान को ट्रंप के सार्वजनिक रुख पर सीधा प्रहार माना जा रहा है.

    रूस की नई मिसाइल ‘ओरेशनिक’

    इन बयानों के बीच रूस ने एक बड़ा सैन्य ऐलान भी कर दिया है. राष्ट्रपति पुतिन ने जानकारी दी है कि रूस अपनी नवीनतम हाइपरसोनिक मिसाइल ‘ओरेशनिक’ (Oresonik) का उत्पादन शुरू कर चुका है और इसे साल के अंत तक बेलारूस की सीमा पर तैनात करने की योजना है. बताया जा रहा है कि ‘ओरेशनिक’ एक इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जो आवाज की गति से 10 गुना तेज गति से हमला कर सकती है. यह मिसाइल किसी भी आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है और पारंपरिक हथियार होते हुए भी परमाणु हमले जैसा प्रभाव छोड़ती है. इसे ‘परंपरा में लिपटी आधुनिक तबाही’ कहा जा रहा है.

    ब्रह्मोस से तुलना अनुचित

    सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की ब्रह्मोस मिसाइल और रूस की ‘ओरेशनिक’ की तुलना करना तकनीकी रूप से उचित नहीं है. ब्रह्मोस जहां एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 800 किमी तक है, वहीं ओरेशनिक रणनीतिक लक्ष्यों को भेदने वाली हाई-स्पीड बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसका उद्देश्य युद्ध क्षेत्र में मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना है.

    कीव पर ओरेशनिक का कहर

    इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध एक और भयावह मोड़ ले चुका है. कीव में हुए भीषण मिसाइल और ड्रोन हमलों में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 179 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इस हमले में रूस ने अपनी नई ‘ओरेशनिक’ मिसाइल का पहली बार प्रयोग किया है, जिसने पूरे यूरोप को चिंता में डाल दिया है. हमले के दौरान यूक्रेन की राजधानी के कई रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया. इमारतें ध्वस्त हो गईं, सड़कें मलबे से भर गईं और राहत कार्य में जुटी टीमें अब भी शवों की तलाश में जुटी हैं.

    यूक्रेनी राष्ट्रपति का भावुक बयान

    यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और कहा, “रूस की यह हिंसा अक्षम्य है. हमारे निर्दोष नागरिकों की हत्या को हम कभी नहीं भूलेंगे और न ही माफ करेंगे.” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की है.

    दुनिया की नजरें फिर इस जंग पर

    जहां एक ओर दुनिया भर में कूटनीतिक प्रयास युद्ध को रोकने के लिए जारी हैं, वहीं रूस की ओर से इस नई मिसाइल तकनीक का प्रदर्शन और अमेरिकी नेतृत्व की सख्त प्रतिक्रियाएं इस बात का संकेत हैं कि आने वाले दिन वैश्विक स्थिरता के लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. इस पूरे घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह संदेश दे दिया है कि शब्दों के साथ-साथ हथियारों का प्रदर्शन भी इस भू-राजनीतिक संघर्ष का अहम हिस्सा बनता जा रहा है.

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