गाजा पट्टी में स्थित आतंकवादी संगठन इस्लामिक जिहाद द्वारा एक इज़रायली बंधक का ताज़ा वीडियो जारी किया गया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है. वीडियो में दिखाई देने वाले युवक की पहचान एव्यातार डेविड के रूप में हुई है. इस फुटेज में उनकी बेहद दयनीय हालत देखी जा सकती है एक कमज़ोर, भूखा, और मानसिक रूप से टूटा हुआ व्यक्ति, जो अपनी ही कब्र खोदता हुआ नज़र आता है.
इस वीडियो में एव्यातार डेविड को गहरे भूमिगत एक सुरंग में फावड़ा चलाते हुए दिखाया गया है. उनकी काया इतनी क्षीण हो चुकी है कि पसलियां तक उभर आई हैं. शर्टलेस डेविड जब बोलते हैं, तो आवाज़ में लाचारगी और भय स्पष्ट महसूस किया जा सकता है. वह कहते हैं.
भूमिगत अंधेरे में झलकता एक बंधक का भयावह यथार्थ
"शायद यही मेरी कब्र है, यहीं मुझे दफनाया जाएगा." यह बयान उनके मानसिक और शारीरिक कष्टों का प्रमाण बन गया है. उनके पास एक अस्थायी कैलेंडर टंगा हुआ है, जिस पर वह हर दिन को काटते जा रहे हैं. यह प्रतीक है उन अनगिनत दिनों का, जो उन्होंने बिना भोजन, देखभाल या संपर्क के उस कालकोठरी में बिताए.
How psychopathic is Hamas?
— Eylon Levy (@EylonALevy) August 2, 2025
It forced starving hostage Evyatar David to DIG HIS OWN GRAVE for the cameras. pic.twitter.com/iMa404St4s
"वे वही खाते हैं, जो हम खाते हैं"
हमास द्वारा रिलीज़ की गई यह फुटेज सिर्फ बंधक की स्थिति ही नहीं दिखाती, बल्कि इसे एक राजनीतिक हथियार की तरह भी पेश किया गया है. वीडियो में इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सुरक्षा मंत्री इतमार बेन-ग्विर के बयानों को भी जोड़ा गया है, जिनमें वे गाजा को किसी भी प्रकार की सहायता से इनकार करते दिखाई देते हैं. वीडियो के अंत में एक काली स्क्रीन पर शब्द उभरते हैं — "वे वही खाते हैं, जो हम खाते हैं. वे वही पीते हैं, जो हम पीते हैं." यह कथन गाजा में व्याप्त मानवीय संकट और बंधकों की तकलीफों को एक साथ जोड़ने का प्रयास करता है, लेकिन इसकी सच्चाई सवालों के घेरे में है.
बहन की टूटती उम्मीदें, दुनिया से अपील
एव्यातार की बहन याएला डेविड ने इस वीडियो को “हृदयविदारक” बताते हुए सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा साझा की. उन्होंने लिखा “यह वीडियो ऐसा था जैसे किसी ने मेरे दिल पर हजारों घूंसे मारे हों. मेरा भाई अब चलता-फिरता कंकाल बन चुका है. पूरी दुनिया को यह देखना चाहिए कि गाजा की क्रूर जेलों में हमारे अपने किस हाल में हैं.” उन्होंने कहा कि यह सिर्फ बंधक नहीं, बल्कि हर उस इंसान की पीड़ा है जो मानवाधिकारों के नाम पर केवल राजनीतिक खेल का मोहरा बन चुका है.
हमास पर गंभीर आरोप
याएला का यह भी दावा है कि हमास ना सिर्फ बंधकों को, बल्कि गाजा में रहने वाले नागरिकों को भी जानबूझकर भुखमरी और बदहाली में धकेल रहा है. उन्होंने कहा “हमास ISIS से भी ज़्यादा निर्दयी है. वे ना केवल इज़रायल से आने वाली मानवीय सहायता को रोकते हैं, बल्कि अपने ही लोगों को मीडिया प्रचार के लिए भूखा रखते हैं.”
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी पर सवाल
यह मामला उन अनगिनत मुद्दों में से एक है, जहां आतंकवाद, मानवीय संकट और राजनीति की सीमाएं एक-दूसरे में गड्डमड्ड हो जाती हैं. बंधकों की सुरक्षा, गाजा की जनता की हालत और क्षेत्रीय अस्थिरता — इन सब पर अब दुनिया की ज़िम्मेदारी है कि वह चुप्पी तोड़े और इंसानियत के पक्ष में खड़ी हो.
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