Trump Claims Ceasefire Credit Again: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में स्कॉटलैंड में मीडिया से बातचीत करते हुए एक बड़ा दावा किया कि अगर उन्होंने समय पर हस्तक्षेप नहीं किया होता तो भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ सकता था. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों को व्यापार वार्ता बंद करने की धमकी दी थी, जिससे युद्ध की स्थिति टल गई.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दुनिया भर में छह बड़े युद्धों को टालने का प्रयास किया और इनमें से एक भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का मुद्दा भी था. उन्होंने भारत और पाकिस्तान को "बहुत बड़ा हॉटस्पॉट" बताया, क्योंकि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं. ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के नेताओं से अच्छी जान-पहचान है, जो उनके हस्तक्षेप की अहमियत को साबित करती है.
व्यापार वार्ता और परमाणु युद्ध की चेतावनी
ट्रंप के अनुसार, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा, तो उन्होंने दोनों देशों से कहा, "अगर आप युद्ध करने जा रहे हैं, तो मैं आपके साथ कोई व्यापार समझौता नहीं करूंगा." ट्रंप ने इसे 'पागलपन' करार देते हुए कहा कि अगर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होता तो कई अन्य देश भी उसमें शामिल हो सकते थे और इससे भारी विनाश होता.
युद्ध को टालना गर्व की बात
ट्रंप ने कहा कि हालांकि यह शायद थोड़ा स्वार्थी लगे, लेकिन युद्धों को रोकना अमेरिका के लिए गर्व की बात है. उन्होंने गाजा संघर्ष का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने इजरायल पर युद्ध विराम का दबाव बनाया था. उनके अनुसार, यह अमेरिका के लिए सम्मान की बात है कि उसने कई युद्धों को टालने में मदद की.
भारत ने ट्रंप के दावे को नकारा
भारत ने ट्रंप के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. भारतीय अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे. यह ऑपरेशन 7 से 10 मई के बीच चला, और इसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए.
संघर्ष विराम पर भारतीय रुख
भारत ने यह स्पष्ट किया कि संघर्ष विराम किसी अमेरिकी मध्यस्थता से नहीं, बल्कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधे संपर्क और बातचीत से हुआ. भारत ने बार-बार यह कहा है कि इस स्थिति में कोई भी मध्यस्थ नहीं था, और संघर्ष विराम को लेकर किसी प्रकार की बाहरी भूमिका नहीं थी. ट्रंप के इस बयान से भारतीय स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है, और भारत ने अपनी सैन्य रणनीति और विदेश नीति को पूरी तरह से स्पष्ट किया है.
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