मध्य पूर्व एक बार फिर जंग की आग में झुलसने की कगार पर खड़ा है. लंबे समय से तनाव की जद में चल रहे इजरायल और ईरान के बीच हालात अब और भी खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुके हैं. शनिवार देर रात ईरान ने एक बार फिर इजरायल पर मिसाइलों की बौछार कर दी, जिससे तीन इजरायली नागरिकों की जान चली गई. इसके साथ ही, अमेरिका पर भी सीधा निशाना साधते हुए, ईरान ने कतर और इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया.
जहां एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने इजरायल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव को रोक दिया है, वहीं अब यह दावा खोखला साबित होता दिख रहा है. ताजा हमलों से यह साफ है कि ना तो तनाव थमा है और ना ही टकराव की रफ्तार धीमी पड़ी है. बल्कि अब यह संघर्ष किसी बड़े युद्ध की आहट दे रहा है.
ईरान के तीखे जवाब
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है. खाड़ी क्षेत्र में अमेरिकी हित अब सीधे तौर पर ईरान के निशाने पर हैं. कतर स्थित अल उदीद एयर बेस पर मिसाइलें दागी गईं, जोकि मध्य पूर्व में अमेरिकी सेंट्रल कमांड का मुख्यालय माना जाता है. हालांकि अधिकतर मिसाइलों को समय रहते इंटरसेप्ट कर लिया गया, लेकिन एक मिसाइल के बेस तक पहुंचने की पुष्टि हुई है.
कतर की सरकार ने बताया कि कुल 19 मिसाइलें दागी गई थीं, और इनमें से ज्यादातर को मार गिराया गया. इस हमले को खाड़ी देशों के संगठन GCC ने कतर की संप्रभुता पर हमला करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है.
इजराइल में हाहाकार, अमेरिका सतर्क
ईरानी हमलों के बाद इजरायल के कई शहरों में हवाई सायरन बजने लगे, जिससे लोग घबराकर बंकरों में छिप गए. वहीं, अमेरिका ने भी स्थिति पर नजर रखते हुए चेतावनी दी है कि यदि ईरान की ओर से फिर हमला हुआ, तो जवाब और कड़ा होगा.
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा कि यह हमला ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद भी हुआ था, लेकिन इस बार कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान का हमला कमजोर था—14 मिसाइलों में से 13 को नष्ट कर दिया गया.
खामेनेई की चेतावनी और ईरान का रुख
ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक तीखा संदेश जारी करते हुए कहा, “हम किसी भी उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगे और किसी के आगे नहीं झुकेंगे.” साथ ही, ईरानी विदेश मंत्री ने भी स्पष्ट किया कि यदि अमेरिका कोई भी हमला करता है, तो उसका “मुंहतोड़ जवाब” दिया जाएगा.
बढ़ती वैश्विक चिंता
ईरान और अमेरिका के इस टकराव के बीच, क्षेत्रीय देशों की चिंता भी बढ़ गई है. कुवैत, यूएई, इराक, मिस्र और कतर जैसे देशों ने तुरंत प्रभाव से अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था, हालांकि कुछ समय बाद इसे दोबारा खोल दिया गया. स्थिति बेहद नाजुक है और हर बीतता क्षण इस तनाव को एक व्यापक युद्ध में बदलने की दिशा में धकेल रहा है. आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संकट के समाधान के लिए निर्णायक भूमिका निभानी होगी.
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