पहलगाम के गुनहगारों के मददगारों ने किए बड़े खुलासे, NIA को मिलने लगे सबूत; जानिए पूरा मामला

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे न सिर्फ चौंकाने वाले हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि कुछ लोग थोड़े से पैसे के लालच में किस हद तक गिर सकते हैं.

    helpers of Pahalgam criminals revelations NIA
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले की परतें अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे न सिर्फ चौंकाने वाले हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि कुछ लोग थोड़े से पैसे के लालच में किस हद तक गिर सकते हैं.

    तीन पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह दी थी

    इस हमले में निर्दोष लोगों को धर्म पूछकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था. हमले के बाद आतंकी मौके से फरार हो गए थे, लेकिन जांच में पता चला कि उन्हें फरार होने में स्थानीय मदद मिली थी. एनआईए ने दो स्थानीय आरोपियों—परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर—को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने कथित रूप से हमले में शामिल तीन पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह दी थी. सोमवार को इन दोनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया.

    एनआईए के अनुसार, इन दोनों ने 20 और 21 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन पाकिस्तानी आतंकियों को 'ढोक' नामक एक मौसमी शिविर में शरण दी थी. आरोपियों ने न केवल आतंकियों को आश्रय और भोजन दिया, बल्कि हमले की साजिश में भी सक्रिय भूमिका निभाई. जांच एजेंसी के मुताबिक, दोनों ने बैसरन इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती और गश्त के पैटर्न पर नजर रखी और यह जानकारी आतंकियों के साथ साझा की, जिससे उन्हें हमले की योजना बनाने और निष्पादित करने में मदद मिली.

    कुछ हजार रुपये की लालच में आतंकियों की मदद

    विशेष बात यह है कि परवेज और बशीर खुद टट्टू सवारी का काम करते थे, जिससे उन्हें इलाके की भौगोलिक जानकारी और सुरक्षाबलों की गतिविधियों की पूरी जानकारी थी. उन्होंने यह जानने के बावजूद कि आतंकी किसी बड़े हमले की तैयारी में हैं, जानबूझकर यह खुफिया जानकारी उन्हें दी.

    एनआईए ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने माना कि उन्हें हमले की योजना की जानकारी थी. हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि पर्यटक ही हमले का मुख्य निशाना होंगे. लेकिन यह स्वीकार किया कि उन्होंने कुछ हजार रुपये की लालच में आतंकियों की मदद की, जिसकी वजह से 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई.

    जांच एजेंसी के पास पीड़ितों के बयानों, वीडियो फुटेज, तकनीकी साक्ष्यों और पुलिस द्वारा जारी किए गए स्केच समेत कई अहम सबूत हैं, जिनका गहन विश्लेषण किया जा रहा है. एनआईए ने कहा है कि जांच पूरी पेशेवर तरीके से की जा रही है और जल्द ही हमले में शामिल अन्य चेहरों को भी बेनकाब किया जाएगा.

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